

लक्सर क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब ग्राम हबीबपुर निवासी 21 वर्षीय एक युवक पारिवारिक कलह से आहत होकर गांव में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गया। युवक ने गुस्से और मानसिक तनाव में आत्महत्या करने की नीयत से यह कदम उठाया। पढ़ें पूरी खबर
हरिद्वार: लक्सर क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब ग्राम हबीबपुर निवासी 21 वर्षीय एक युवक पारिवारिक कलह से आहत होकर गांव में बनी पानी की टंकी पर चढ़ गया। बताया जा रहा है कि युवक ने गुस्से और मानसिक तनाव में आत्महत्या करने की नीयत से यह कदम उठाया। अचानक युवक के इस व्यवहार से परिजन भयभीत हो गए और उन्होंने इसकी सूचना तुरंत ग्राम प्रधान रायसी के माध्यम से पुलिस को दी।
पारिवारिक विवाद से परेशान
जानकारी के मुताबिक, सूचना मिलते ही चौकी इंचार्ज रायसी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और समझदारी दिखाते हुए पहले युवक से संवाद स्थापित किया। पुलिस टीम ने शालीनता और धैर्य के साथ युवक से बातचीत कर उसकी नाराजगी का कारण जाना। पूछताछ में सामने आया कि युवक आर्थिक तंगी और पारिवारिक विवाद से परेशान होकर यह कदम उठाने जा रहा था।
समस्या का समाधान
स्थिति को गंभीर होते देख मौके पर पहुंचे चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक (एसआई) नीरज रावत ने सराहनीय पहल करते हुए अपनी जेब से ही पैसे निकालकर युवक की तत्काल सहायता की और आश्वासन दिया कि उसकी समस्या का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा। पुलिस की इस संवेदनशील पहल से युवक का विश्वास पुलिस पर बढ़ा और वह धीरे-धीरे शांत होकर टंकी से नीचे उतर आया।
सूझबूझ की व्यापक प्रशंसा
इसके बाद पुलिस ने युवक को सुरक्षित परिजनों के हवाले कर दिया। इस घटना की जानकारी फैलते ही आसपास के क्षेत्र में पुलिस की तत्परता और सूझबूझ की व्यापक प्रशंसा होने लगी। परिजनों और ग्रामीणों ने भी पुलिस का आभार जताते हुए कहा कि अगर समय पर हस्तक्षेप न किया जाता तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
बेरोजगारी और मानसिक तनाव
पुलिस प्रशासन ने इस मौके पर लोगों से अपील की कि वे अपने बच्चों के साथ निरंतर संवाद बनाए रखें। पुलिस का कहना है कि असफलता, बेरोजगारी और मानसिक तनाव के कारण युवा अक्सर ऐसे कठोर कदम उठाते हैं। इसलिए अभिभावकों का यह दायित्व है कि वे अपने बच्चों से समय-समय पर बात करें, उनकी समस्याओं को समझें और उन्हें हल करने का प्रयास करें।
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इस घटना ने एक बार फिर यह साबित किया कि संवेदनशीलता और धैर्य से किसी भी गंभीर स्थिति को संभाला जा सकता है। पुलिस की सक्रियता ने न केवल एक परिवार को टूटने से बचा लिया, बल्कि समाज को यह संदेश भी दिया कि कठिन हालात में संवाद और सहानुभूति सबसे बड़ा समाधान है।