

हरिद्वार की ओर जा रहे एक परिवार की कार सोमवार को अचानक गूगल मैप की गलती का शिकार बन गई। हरियाणा से हरिद्वार की ओर बढ़ रही यह कार भगवानपुर टोल प्लाजा पार करने के बाद सीधे मुख्य मार्ग की जगह सोलानी नदी किनारे बने एक कच्चे और खतरनाक रास्ते पर पहुंच गई।
कार सोलानी नदी किनारे फंसी
रुड़की: हरिद्वार की ओर जा रहे एक परिवार की कार सोमवार को अचानक गूगल मैप की गलती का शिकार बन गई। हरियाणा से हरिद्वार की ओर बढ़ रही यह कार भगवानपुर टोल प्लाजा पार करने के बाद सीधे मुख्य मार्ग की जगह सोलानी नदी किनारे बने एक कच्चे और खतरनाक रास्ते पर पहुंच गई। देखते ही देखते कार दलदलनुमा मिट्टी में धंस गई और यात्रियों की सांसें अटक गईं।
यात्रियों को भरोसा दिलाया कि वे सुरक्षित
इस दौरान स्थानीय प्रधान जॉनी व ग्रामीणों ने तत्परता और मदद का परिचय देते हुए मौके पर पहुंचकर कार सवारों को सुरक्षित बाहर निकाला। ट्रैक्टर की मदद से वाहन को नदी किनारे से बाहर खींचा गया। ग्रामीणों ने यात्रियों को भरोसा दिलाया कि वे सुरक्षित हैं और उन्हें चिंता करने की जरूरत नहीं है। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद गाड़ी को बाहर निकाल लिया गया।
नदी किनारे फंसने के बाद चालक और यात्री घबराए
घटना का वीडियो मौके पर मौजूद लोगों ने सोशल मीडिया पर साझा किया, जो देखते ही देखते तेजी से वायरल हो गया। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि किस तरह कार नदी किनारे फंसने के बाद चालक और यात्री घबराए हुए नजर आ रहे थे और ग्रामीण उन्हें हिम्मत बंधा रहे थे। यह पूरा वाकया किसी फिल्मी सीन से कम नहीं लग रहा था।
यात्रियों को चेतावनी
ग्रामीणों ने यात्रियों को चेतावनी देते हुए कहा कि गूगल मैप पर दिख रहे मार्गों पर आंख मूंदकर भरोसा न करें। उन्होंने सलाह दी कि अजनबी इलाके में सफर करते समय स्थानीय लोगों से सही जानकारी अवश्य लेनी चाहिए, ताकि ऐसी परेशानी से बचा जा सके।
दुर्घटनाओं की संभावना
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह घटना पहली बार नहीं हुई है। कई बार गूगल मैप की दिशा निर्देशों के चलते वाहन चालकों को कच्चे और असुरक्षित रास्तों पर भेज दिया जाता है, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है। हाल ही में इसी क्षेत्र में दोपहिया वाहन भी दलदल में फंस चुके हैं।
जोखिम भरे रास्तों को गूगल मैप
गौरतलब है कि हरिद्वार और रुड़की मार्ग से होकर गुजरने वाले यात्री अक्सर गूगल मैप का सहारा लेते हैं। लेकिन ग्रामीणों के अनुसार, डिजिटल मैपिंग में कई जगहों पर त्रुटियां हैं। प्रशासन से भी मांग की गई है कि ऐसे जोखिम भरे रास्तों को गूगल मैप पर अपडेट करने के लिए कंपनी से संपर्क किया जाए।
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इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि तकनीक पर आंख मूंदकर भरोसा करना कितना खतरनाक हो सकता है। यात्रियों ने भी राहत की सांस ली और ग्रामीणों का आभार जताया, जिनकी तत्परता से एक बड़ा हादसा टल गया।