हरिद्वार में नकली दवा बनाने वाले गिरोह का भंडाफोड़, 3 गिरफ्तार, ऐसा चल रहा था कारोबार

उत्तराखंड में नकली दवाओं का कारोबार करने वाले गिरोह पर औषधि विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम ने बड़ा शिकंजा कसा है।

Post Published By: Jay Chauhan
Updated : 29 June 2025, 8:09 PM IST
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हरिद्वार: जनपद के गंगनहर कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत रामनगर में फर्जी दवा निर्माण और सप्लाई से जुड़े एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। स्वास्थ्य विभाग और सुरक्षा एजेंसियों की संयुक्त छापेमारी में यह खुलासा हुआ। कार्रवाई गुप्त सूचना के आधार पर की गई, जिसमें वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती, औषधि निरीक्षक अमित कुमार, एसटीएफ देहरादून और गंगनहर कोतवाली पुलिस की टीम शामिल रही।

जानकारी के अनुसार टीम ने रामनगर क्षेत्र के चार अलग-अलग ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की, जहां से भारी मात्रा में संदिग्ध दवाइयां और कच्चा माल बरामद किया गया। जब्त की गई सामग्री में करीब 16,200 टैबलेट और 300 किलो से अधिक कच्चा माल शामिल है, जिसका उपयोग फर्जी ब्रांड की दवाएं बनाने में किया जा रहा था।

छापेमारी के दौरान मौके से तीन व्यक्तियों को हिरासत में लिया गया—लोकेश गुलाटी, नरेश धीमान (दोनों निवासी रुड़की) और मोहतरमा अली (निवासी देवबंद)। पूछताछ में आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे लंबे समय से बिना किसी वैध लाइसेंस के फर्जी दवाएं बना रहे थे और विभिन्न राज्यों में सप्लाई कर रहे थे। हालांकि, किसी भी स्थान पर प्रत्यक्ष रूप से निर्माण कार्य नहीं मिला, लेकिन सामग्री और पूछताछ से स्पष्ट हुआ कि निर्माण कार्य उत्तर प्रदेश के देवबंद में हो रहा था।

जांच में यह भी सामने आया कि आरोपियों के पास दवा निर्माण या विक्रय का कोई लाइसेंस नहीं था। बरामद दवाओं की जांच के लिए संबंधित कंपनियों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया, जिन्होंने दवाओं को प्राथमिक तौर पर फर्जी बताया। दवाओं और कच्चे माल के नमूने राज्य प्रयोगशाला में परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।

वरिष्ठ औषधि निरीक्षक अनीता भारती ने बताया कि रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के खिलाफ ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट, 1940 के तहत कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसमें भारी जुर्माने और लंबी जेल की सजा का प्रावधान है। विभाग इस गिरोह के अंतरराज्यीय नेटवर्क की गहन जांच कर रहा है।

अपर आयुक्त व औषधि नियंत्रक ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि जैसे ही विभाग को जानकारी मिली, तुरंत कार्रवाई की गई। यह जनस्वास्थ्य से खिलवाड़ है और इसके लिए दोषियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।उन्होंने बताया कि गिरोह का नेटवर्क देश के कई राज्यों में फैला हुआ है।

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