

हरिद्वार में पुलिस ने एक बड़े अभियान के तहत नकली साधुओं के गिरोह का भंडाफोड़ किया है। ‘ऑपरेशन कालनेमी’ के तहत अब तक 45 फर्जी साधुओं को गिरफ्तार किया गया है जो श्रद्धालुओं को झाड़-फूंक और अनुष्ठान के नाम पर ठग रहे थे। जानिए इस पूरे ऑपरेशन की विस्तार से जानकारी।
हरिद्वार में 45 नकली साधु गिरफ्तार
Haridwar: उत्तराखंड की धार्मिक नगरी हरिद्वार को नकली साधु-संतों से मुक्त करने के उद्देश्य से हरिद्वार पुलिस ने एक विशेष अभियान छेड़ा है। इस अभियान को ‘ऑपरेशन कालनेमी’ नाम दिया गया है, जिसके तहत अब तक 45 फर्जी साधुओं को गिरफ्तार किया जा चुका है। ये सभी लोग साधु का वेश धारण कर श्रद्धालुओं को ठगने के कार्य में लिप्त थे।
ठगी का धार्मिक जाल
पुलिस को बीते कुछ समय से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि कुछ लोग साधु-संत बनकर गंगा घाटों, मंदिर परिसरों और धर्मशालाओं में झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र और अनुष्ठानों के नाम पर मोटी रकम वसूल रहे हैं। श्रद्धालुओं को भय और लालच में डालकर उनसे धन ऐंठा जा रहा था। कई मामलों में स्थानीय निवासियों से भी अवैध वसूली की खबरें सामने आई थीं।
एसएसपी के नेतृत्व में कार्रवाई
इस पूरे ऑपरेशन की अगुवाई हरिद्वार के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) अजय सिंह कर रहे हैं। उनके निर्देशन में शहर और आसपास के इलाकों में अलग-अलग पुलिस टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें प्रमुख धार्मिक स्थलों, घाटों और मंदिरों पर गश्त कर रही हैं और संदिग्ध व्यक्तियों की जांच कर रही हैं।
एसएसपी अजय सिंह ने जानकारी दी कि पकड़े गए नकली साधु उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से हरिद्वार आए थे। ये लोग अस्थायी झोंपड़ियों या मंदिरों के आस-पास डेरा डालकर अपना काम कर रहे थे।
ठगी का सामान बरामद
पुलिस ने इन फर्जी बाबाओं के पास से ठगी के पैसे, नकली चिमटे, माला, भभूत, नींबू-मिर्ची और तंत्र-मंत्र में इस्तेमाल होने वाले कई सामान भी जब्त किए हैं। जांच एजेंसियों को संदेह है कि इन साधुओं का संबंध किसी बड़े गिरोह से भी हो सकता है, जिसकी जांच की जा रही है।
जनता से अपील
एसएसपी अजय सिंह ने आम जनता से अपील की है कि कोई भी व्यक्ति साधु या बाबा से किसी तरह का आर्थिक लेन-देन करने से पहले उसकी पहचान की पुष्टि जरूर करें। साथ ही किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस को दें।