

उत्तराखंड के पूर्व कैबिनेट मंत्री और दिग्गज नेता हरक सिंह रावत की मुश्किलें बहुत बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने करोड़ों रुपये के जमीन खरीद-फरोख्त से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हरक सिंह रावत समेत 5 लोगों के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है।
हरक सिंह रावत पर ईडी ने कसा शिकंजा
Dehradun: उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर से बड़ा भूचाल आ गया है। राज्य के पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग निरोधक अधिनियम, 2002 के तहत हरक सिंह रावत समेत उनकी पत्नी दीप्ति रावत, लक्ष्मी राणा, वीरेंद्र सिंह कंडारी और पूर्ण देवी मेमोरियल ट्रस्ट के खिलाफ विशेष अदालत में अभियोजन शिकायत दर्ज कर दी है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार ED ने यह कार्रवाई भू-माफिया और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों के आधार पर की है। जांच में सामने आया कि हरक सिंह रावत और उनके सहयोगियों ने साजिश के तहत बहुमूल्य जमीन को बेहद सस्ते दामों में खरीदकर ट्रस्ट के नाम कर दिया। यह वही जमीन है, जो अब दून इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस का हिस्सा बताई जा रही है।
गौरतलब है कि ED ने जनवरी 2025 में इसी मामले में करीब 101 बीघा जमीन को 6.56 करोड़ रुपये के मूल्य पर अस्थाई रूप से कुर्क कर लिया था। जबकि इस जमीन की बाजार कीमत करीब 70 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
जांच एजेंसी का आरोप है कि जमीन की हेराफेरी के पीछे राजनीतिक रसूख और ट्रस्ट की आड़ में बड़े स्तर पर घोटाला किया गया।
मामला अब विशेष अदालत की अदालत में पहुंच चुका है, जिससे कोर्ट की कार्यवाही तेज होने की संभावना है। ED ने अभियोजन शिकायत में स्पष्ट तौर पर बताया है कि यह लेनदेन मनी लॉन्ड्रिंग का ही हिस्सा है और जमीन को गलत तरीके से ट्रस्ट के नाम पर दिखाकर भारी मुनाफा कमाने की कोशिश की गई।
प्रदेश की राजनीति में हरक सिंह रावत लंबे समय से चर्चित नाम रहे हैं। उन पर पहले भी कई विवादों के आरोप लग चुके हैं, लेकिन इस बार मामला सीधे मनी लॉन्ड्रिंग और जमीन घोटाले से जुड़ा है, जिससे उनके राजनीतिक करियर पर बड़ा असर पड़ सकता है।
अब देखना होगा कि विशेष अदालत में आगे की सुनवाई में ED अपने आरोपों को किस हद तक साबित कर पाती है और रावत परिवार ईडी के शिकंजे से खुद को कैसे बाहर निकालता है। फिलहाल इस बड़ी कार्रवाई से राज्य की सियासत में खलबली मची हुई है।