

अक्सर कोर्ट-कचहरी में दलाल, मुंशी और इंटर्न वकीलों की ड्रेस पहनकर घूमते रहते हैं और लोगों से पैसे ऐंठ लेते हैं। इससे वकालत के पेशे की गरिमा को ठेस पहुंच रही है।
बार एसोसिएशन ने दिया निर्देश
देहरादून: अधिवक्ता के भेष में न्यायालय परिसर में घूमने वालों की अब खैर नहीं। देहरादून बार एसोसिएशन ने स्पष्ट किया है कि अनाधिकृत तौर पर वकालत का कार्य करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाएगा।
जानकारी के अनुसार वकीलों के भेष में छद्म रुप लिए कई घूमते रहते हैं। जो भोले-भोले लोगों को अपने जाल में फंसा कर ठगते हैं। इसकी वजह से वकीलों के नाम और मान सम्मान को ठेस पहुंच रही है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार बार एसोसिएशन के अध्यक्ष मनमोहन कंडवाल और सचिव राजबीर सिंह बिष्ट ने बताया कि एसोसिएशन के संज्ञान में आया है कि कुछ लोग जो अधिवक्ता नहीं हैं, वे स्वयं को अधिवक्ता दर्शाते हुए न्यायालय परिसर में काम कर रहे हैं।
वे अधिवक्ता की वेशभूषा में न्यायालय में उपस्थित भी हो रहे हैं। कुछ ऐसे भी व्यक्ति हैं जो किसी अधिवक्ता के साथ मुंशी का कार्य करते हैं, लेकिन न्यायालय परिसर में काली पैंट तथा सफेद शर्ट में घूमते हैं।
एसोसिएशन ने कहा है कि ऐसे सभी लोगों की पहचान करके मुकदमा पंजीकृत कराया जाएगा।
बार एसोसिएशन ने सभी अधिवक्ताओं से आग्रह किया है कि उनके यहां जो भी व्यक्ति मुंशी के रूप में कार्यरत हैं, उनका परिचय पत्र बार एसोसिएशन देहरादून से बनवा लें।
बार एसोसिएशन ने कहा कि जिला न्यायालय परिसर या चैंबर ब्लॉक में सफेद शर्ट और काली पैंट या कोट सिर्फ अधिवक्ता ही पहन सकते हैं।
यदि कोई दलाल, मुंशी या वकालत के छात्र (इंटर्न) वकील की ड्रेस में नजर आए तो उन पर कार्रवाई की जाएगी।
इंटर्न को स्पष्ट निर्देश दिए हैं वे अपने कॉलेज की ड्रेस में आएं, जिस पर कॉलेज का मोनोग्राम बना हो। कॉलेज का परिचय पत्र भी पहनकर आएं। निर्देशों का पालन न करने वाले इंटर्न के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए उनके कॉलेज को पत्र भेजा जाएगा।
अधिकतर दलाल वकीलों की ड्रेस में अदालत परिसर में घूमते हैं और वकील बनकर लोगों से पैसे ऐंठ लेते हैं। इससे वकालत के पेशे की गरिमा को ठेस पहुंच रही है।