डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार मंगलवार को धरना स्थल पर पहुंचे डोईवाला के उप-जिलाधिकारी (SDM) ने आंदोलनकारियों को एक लिखित पत्र सौंपा, जिसमें आश्वासन दिया गया कि अठुरवाला क्षेत्र में शराब का ठेका नहीं खोला जाएगा। उन्होंने समिति से आग्रह किया कि अब धरना समाप्त कर दिया जाए क्योंकि प्रशासन जनता की मांगों को गंभीरता से ले चुका है।
जानकारी के अनुसार इस महत्वपूर्ण आश्वासन के बाद धरना स्थल पर उपस्थित समस्त मातृशक्ति ने नगर अध्यक्ष करतार नेगी का फूल-मालाओं से सम्मान किया और उनका आभार व्यक्त किया।
इस दौरान करतार नेगी ने अपने संबोधन में स्पष्ट शब्दों में कहा कि, “मैं अपने गांव और आस-पास के क्षेत्र में किसी भी कीमत पर शराब का ठेका नहीं खुलने दूंगा। यह हमारी संस्कृति, स्वास्थ्य और समाज के हित में है।” उन्होंने समिति की एकजुटता और मातृशक्ति की भूमिका को आंदोलन की सफलता का प्रमुख कारण बताया।
धरने में क्षेत्र की महिलाओं की सक्रिय भागीदारी विशेष रूप से सराहनीय रही। माताएं, बहनें और बेटियां प्रतिदिन धरना स्थल पर उपस्थित होकर इस सामाजिक बुराई के खिलाफ अपनी आवाज़ बुलंद कर रही हैं। यह आंदोलन अब केवल शराब के ठेके के विरोध तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह एक सामाजिक जागरूकता का प्रतीक बन चुका है।
सोमवार को इसके विरोध में क्षेत्र के विधायक ने स्थानीय लोगों के साथ धरने पर बैठे और आंदोलन का समर्थन दिया।
प्रदर्शन में प्रमुख रूप से मंजीत सजवान, आकाश सजवान, मुकेश सजवान, दिनेश सजवान, गोपाल सजवान, विपुल सजवान, सोनू सजवान, विशाल सिंह सजवान, खेम सिंह सजवान, बीर सिंह, रविंद्र सजवान के साथ-साथ आशा सजवान, सुशीला देवी, शिरा देवी, भवानी देवी, उजला देवी, बिमला देवी, लक्ष्मी रावत, विषम्बरी देवी, चंद्रमती देवी, रश्मि देवी आदि लोग उपस्थित रहे।
अठुरवाला का यह आंदोलन सामाजिक एकजुटता और जागरूकता का उदाहरण बनकर सामने आया है। आने वाले समय में यदि प्रशासन अपने आश्वासन पर कायम रहता है, तो यह आंदोलन एक ऐतिहासिक जन-जीत के रूप में याद किया जाएगा।