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आमखेड़ा चोरगलिया जिला पंचायत चुनाव में भाजपा प्रत्याशी अनीता बेलवाल को निर्दलीय लीला बिष्ट कड़ी टक्कर दे रही हैं। जनसमर्थन और सादगी के दम पर लीला बिष्ट का प्रचार प्रभावी रहा, जिससे मुकाबला बेहद रोमांचक हो गया है।
आमखेड़ा चोरगलिया जिला पंचायत चुनाव
Haldwani: लालकुआं विधानसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाली आमखेड़ा चोरगलिया जिला पंचायत सीट पर चुनावी घमासान दिन-ब-दिन तेज होता जा रहा है। एक ओर जहां भाजपा ने अपनी अधिकृत प्रत्याशी अनीता बेलवाल के समर्थन में पूरा संगठन झोंक दिया है, वहीं निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरीं लीला बिष्ट अपनी सादगी और जनसेवा के संकल्प के साथ जबरदस्त चुनौती पेश कर रही हैं।
28 जुलाई को होने वाले मतदान से पहले दोनों प्रमुख प्रत्याशियों का जनसंपर्क अभियान अपने चरम पर है। जहां भाजपा खेमे में विधायक, सांसद से लेकर जिलाध्यक्ष तक जीत सुनिश्चित करने में जुटे हैं, वहीं लीला बिष्ट के डोर-टू-डोर जनसंपर्क अभियान ने चुनावी समीकरणों को नया मोड़ दे दिया है।
लीला बिष्ट: सादगी और सेवा का चेहरा
निर्दलीय प्रत्याशी लीला बिष्ट, जो कि ग्रामसभा खेड़ा की पूर्व प्रधान रह चुकी हैं, अपने पति और समाजसेवी अर्जुन बिष्ट की जनसेवा की विरासत को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से चुनाव मैदान में उतरी हैं। ‘कलम-दवात’ चुनाव चिन्ह के साथ वह जनता से सीधा संवाद कर रही हैं और अंतिम पंक्ति के जरूरतमंद तक विकास की किरण पहुंचाने के अपने संकल्प को दोहरा रही हैं।
उनके डोर-टू-डोर प्रचार में जिस तरह का जनसमर्थन और उत्साह देखा जा रहा है, उसने भाजपा खेमे में चिंता की लहर दौड़ा दी है। स्थानीय मतदाताओं में लीला बिष्ट की छवि एक ईमानदार, ज़मीन से जुड़ी और सेवा भाव से ओतप्रोत नेता के रूप में बनी हुई है, जो उन्हें सभी वर्गों में समर्थन दिला रही है।
भाजपा ने झोंकी पूरी ताकत
भाजपा के लिए यह सीट प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है। पार्टी ने अपनी प्रत्याशी अनीता बेलवाल के पक्ष में सांसद, विधायक, जिला अध्यक्ष और पार्टी कार्यकर्ताओं की टीम उतार दी है। लगातार जनसभाएं, नुक्कड़ सभाएं और संगठनात्मक रणनीति के जरिए भाजपा इस सीट को किसी भी कीमत पर जीतने का प्रयास कर रही है।
चुनाव बनता जा रहा है रोचक
जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आ रही है, आमखेड़ा सीट पर मुकाबला कांटे का और रोमांचक होता जा रहा है। भाजपा बनाम निर्दलीय का यह मुकाबला अब सत्तारूढ़ दल बनाम जनता के भरोसे की लड़ाई जैसा बनता नजर आ रहा है।
लीला बिष्ट का कहना है कि "यह चुनाव मेरे लिए सत्ता का साधन नहीं, बल्कि सेवा का माध्यम है। मैं अपने क्षेत्र में हर उस व्यक्ति तक विकास पहुंचाना चाहती हूं जो आज भी वंचित है।
उनके इस संकल्प में उनके पति अर्जुन बिष्ट भी कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग कर रहे हैं और जनता के पुराने रिश्तों और विश्वास को दोबारा जोड़ रहे हैं।