

चमोली जनपद में पुल न होने के कारण ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर उफनती नदी पार करनी पड़ रही है। वर्षों से मांग के बावजूद सरकार ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। पढ़ें पूरी खबर
उफनती नदी को पार करते हुए ग्रामीण
Chamoli: उत्तराखंड के चमोली जनपद का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें एक शख्स अपने कंधों पर राशन लादकर लेकर जा रहा है और एक खतरनाक नदी को पार कर रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला चमोली जनपद के उन गांवों का है, जो मिमराणी सकनड और एगड़ी गांव दशोली और नंदानगर घाट विकासखंड को जोड़ते हैं।
पुल की मांग
बता दें कि ग्रामीणों को राशन लाने के लिए इस गहरी और खतरनाक नदी को पार करना पड़ता है क्योंकि यहां कोई पुल नहीं है। ग्रामीणों ने कई सालों से पुल की मांग की है, लेकिन आज तक उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है।
पुलि को लेकर ग्रामीणों का बयान
ग्रामीणों का कहना है कि पुल न होने की वजह से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, खासकर राशन और अन्य आवश्यक वस्तुओं को लाने में। इस दौरान ग्रामीणों ये खतरनाक नदी पार करनी होती है।
जान जोखिम में डालकर राशन लाना
अपने परिवार वालों का पेट पालने के लिए ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर उफनती नदी को पार करना पड़ता है। यह वीडियो दिखाता है कि कैसे एक शख्स अपनी जान पर खेलकर राशन लेकर आ रहा है।
सरकार की उदासीनता
ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों को अनदेखा कर रही है और उन्हें सिर्फ आश्वासन दिए जा रहे हैं। ग्रामीणों ने मांग की है कि जल्द से जल्द पुल का निर्माण किया जाए, ताकि उन्हें अपनी जान जोखिम में न डालनी पड़े।
ग्रामीणों की मांग
इसके अलावा ग्रामीणों ने यह मांग भी की है कि सरकार उनकी मांगों को गंभीरता से ले और जल्द से जल्द समाधान निकाले। वहीं प्रशासन का अभी तक इसको लेकर कोई बयान सामने नहीं आया है, वह अभी भी चुप है।
सरकार की जिम्मेदारी
सरकार की जिम्मेदारी है कि वह ग्रामीणों की मांगों को सुनें और जल्द से जल्द समाधान निकाले। ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर राशन लाने से बचाने के लिए सरकार को पुल का निर्माण करना चाहिए।
उत्तराखंड के चमोली जनपद में पुल की मांग को लेकर ग्रामीणों का संघर्ष जारी है। ग्रामीणों को अपनी जान जोखिम में डालकर राशन लाना पड़ता है, जो कि बहुत ही दुखद है। सरकार को जल्द से जल्द पुल का निर्माण करना चाहिए और ग्रामीणों की मांगों को सुनना चाहिए।