अंकिता भंडारी हत्याकांड में दो साल बाद सुनवाई पूरी, इस दिन आएगा आखिरी फैसला

उत्तराखंड को झकझोर देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब फैसले की घड़ी करीब आ गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: विजय यादव
Updated : 20 May 2025, 12:04 PM IST
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हरिद्वार: उत्तराखंड को झकझोर देने वाले अंकिता भंडारी हत्याकांड में अब फैसले की घड़ी करीब आ गई है। कोटद्वार स्थित अपर जिला एवं सत्र न्यायालय (ADJ Court) में सोमवार, 19 मई 2025 को मामले की अंतिम सुनवाई पूरी कर ली गई। इसके साथ ही कोर्ट ने 30 मई 2025 को फैसला सुनाने की तिथि घोषित की है। पूरे राज्य के साथ-साथ देशभर की निगाहें अब इस बहुचर्चित मामले के निर्णय पर टिकी हुई हैं।

क्या है पूरा मामला?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,   18 सितंबर 2022 को श्रीनगर (गढ़वाल) के पास स्थित 'वनंत्रा रिजॉर्ट' में काम कर रही 19 वर्षीय रिसेप्शनिस्ट अंकिता भंडारी की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि रिजॉर्ट मालिक पुलकित आर्य, जो एक पूर्व भाजपा नेता का बेटा है, ने अपने दो साथियों सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर उसकी हत्या की। बताया गया कि अंकिता पर रिजॉर्ट के वीआईपी मेहमानों को ‘विशेष सेवा’ देने का दबाव बनाया जा रहा था, जिसका उसने विरोध किया। हत्या के बाद शव को चीला शक्ति नहर में फेंक दिया गया। घटना के छह दिन बाद, 24 सितंबर 2022 को अंकिता का शव नहर से बरामद हुआ।

लंबी कानूनी प्रक्रिया

यह मामला 28 मार्च 2023 से कोटद्वार एडीजे कोर्ट में सुनवाई के लिए प्रस्तुत किया गया था। अभियोजन पक्ष ने कोर्ट के समक्ष कुल 97 गवाहों की सूची पेश की, जिनमें से 47 गवाहों के बयान कोर्ट में दर्ज किए गए। इनमें जांच अधिकारी, फॉरेंसिक विशेषज्ञ, मेडिकल अफसर और अंकिता के परिजन शामिल थे। विशेष लोक अभियोजक अवनीश नेगी ने अंतिम बहस में अदालत से तीनों आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की अपील की। तीनों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाना), और अनैतिक देह व्यापार निवारण अधिनियम के अंतर्गत आरोप तय किए गए हैं। पुलकित आर्य पर धारा 354A (यौन उत्पीड़न) का अतिरिक्त आरोप भी लगाया गया है।

जनता और परिजनों की उम्मीदें

अंकिता की मौत के बाद उत्तराखंड में जनाक्रोश चरम पर था। सड़कों पर प्रदर्शन, सोशल मीडिया पर अभियानों और जनदबाव के चलते सरकार को रिजॉर्ट तक ढहाना पड़ा था। अब जब मामला निर्णायक मोड़ पर है, तो पीड़िता के परिवार और प्रदेश की जनता को न्यायपालिका से निष्पक्ष और कड़ी सजा की उम्मीद है। 30 मई को आने वाले फैसले से यह तय होगा कि न्याय की उम्मीदों पर अदालत कितनी खरी उतरती है।

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