

पूरे उत्तराखंड को जिस घड़ी का इंतजार था, आखिरकार वह घड़ी आ ही गई।अंकिता भंडारी हत्याकांड पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, जिसमें मुख्य आरोपी को दोषी करार दिया गया। डाइनामाइट अलर्ट में देखिये पूरी क्राइम कुंडली।
अंकिता भंजारी हत्याकांड के दोषियों को आजीवन कारावास
हल्द्वानी: पूरे उत्तराखंड को जिस घड़ी का इंतजार था, आखिरकार वह घड़ी आ ही गई।अंकिता भंडारी हत्याकांड पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, जिसमें मुख्य आरोपी को दोषी करार दिया गया। जिसमें आजीवन कारावास की सजा मिली यह फैसला पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है। हल्द्वानी में भी आम नागरिकों से लेकर जनप्रतिनिधियों तक, सभी ने इस फैसले का स्वागत किया और इसे न्याय की जीत बताया हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने क्या कहा?
हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि यह फैसला पूरे प्रदेश के लिए एक मिसाल है। उन्होंने कहा, “अंकिता को तो हम वापस नहीं ला सकते, लेकिन इस फैसले से उन तमाम बेटियों को एक भरोसा जरूर मिलेगा कि इंसाफ अब भी जिंदा है।”
सामाजिक संगठनों ने जताई संतुष्टि, पर सज़ा पर निगाहें
हल्द्वानी के सामाजिक संगठनों ने कोर्ट के फैसले को एक सकारात्मक कदम बताया, लेकिन यह भी कहा कि असली संतोष तभी मिलेगा जब इसमें cbi जांच होगी ओर VIP का नाम सामने आएगा।
आम जनता ने जताई नाराजगी – VIP आरोपी क्यों बचे?
हालांकि फैसले के बाद आम जनता में एक ओर जहां राहत की भावना दिखी, वहीं कुछ लोगों ने नाराजगी भी जाहिर की। उनका कहना था कि इस मामले में शुरू से ही एक वीआईपी का नाम सामने आता रहा, लेकिन अब तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
स्थानीय नागरिकों ने कहा, “इस मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए थी ताकि सच्चाई पूरी तरह सामने आती। जिन बड़े नामों को बचाया गया है, उन पर भी सवाल उठने चाहिए।
पढ़िए पूरा मामला
19 साल की अंकिता ऋषिकेश के वनंतरा रिसॉर्ट में बतौर रिसेप्शनिस्ट काम करती थी। 18 सितंबर, 2022 को अंकिता अचानक गायब हो गई थी। इसके बाद उसके पिता ने रिसॉर्ट पहुंचकर कर्मचारियों से पूछताछ की थी। बेटी का पता नहीं चलने पर उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।
शक के आधार पर जब पुलिस ने पुलकित से पूछताछ की तो उसने बताया कि अंकिता भंडारी रिसॉर्ट के एक कमरे में रहती थी। कुछ दिन से वह मानसिक तनाव से गुजर रही थी। इसलिए वह और उसके दोस्त 18 सितंबर को अंकिता को ऋषिकेश घुमाने ले गए थे।
देर रात सभी वहां से वापस आए। लौटकर सभी रिसॉर्ट में बने अलग-अलग कमरों में सोने चले गए। 19 सितंबर की सुबह अंकिता अपने कमरे से गायब थी। पुलिस की पड़ताल में यह कहानी झूठी निकली।