

सांसद अजय भट्ट ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात के दौरान रमाकान्त पन्त की दो पुस्तकें भेंट की। गडकरी ने इन पुस्तकों को उत्तराखंड के धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण बताया।
सांसद अजय भट्ट और गडकरी के बीच धार्मिक पर्यटन पर चर्चा
Udham Singh Nagar: उत्तराखंड, उधमसिंह नगर के सांसद अजय भट्ट ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान, उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार रमाकान्त पन्त द्वारा लिखी गई दो पुस्तकें "जय माँ बगलामुखी" और "माँ भद्रकाली" केंद्रीय मंत्री को भेंट की। यह मुलाकात धार्मिक पर्यटन और उत्तराखंड के तीर्थ स्थानों की महत्ता को लेकर हुई।
सांसद ने बताया पुस्तक का महत्व
सांसद अजय भट्ट ने कहा कि ये पुस्तकें उत्तराखंड के पौराणिक धार्मिक स्थल और देवी-देवताओं की महिमा को सामने लाती हैं। उन्होंने बताया कि इन किताबों का उद्देश्य धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देना और उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को जन-जन तक पहुंचाना है।
केंद्रीय मंत्री ने की सराहना
इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने रमाकान्त पन्त के इस प्रयास की सराहना करते हुए कहा, "ये पुस्तकें उत्तराखंड के धार्मिक स्थलों और तीर्थों के महत्व को प्रचारित करने का एक प्रभावी तरीका होंगी। इस तरह के कार्यों से न केवल राज्य के पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि देश और विदेश में देवभूमि की धार्मिक धरोहर को भी समझा जा सकेगा।"
गडकरी ने इन विषयों पर दिया जोर
गडकरी ने इस बात पर भी जोर दिया कि पर्यटन विकास के साथ-साथ हरित प्रौद्योगिकियों और पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप के जरिए उत्तराखंड के पर्यटन को और अधिक आकर्षक बनाया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि रमाकान्त पन्त की पुस्तकें इस दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान साबित होंगी।
मुलाकात के दौरान मौजूद थे ये अधिकारी
मुलाकात के दौरान सांसद अजय भट्ट के साथ उनके प्रतिनिधि लक्ष्मण खाती, लालकुआँ प्रेस क्लब के अध्यक्ष बी० सी० भट्ट, वरिष्ठ पत्रकार रमाकान्त पन्त, सभासद धन सिंह बिष्ट, भाजपा मण्डल उपाध्यक्ष सचिन अग्रवाल और समाजसेवी विरेन्द्र कोरंगा भी उपस्थित थे।
धार्मिक पर्यटन को लेकर नई पहल
गडकरी ने इस मौके पर एक बार फिर उत्तराखंड के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और राज्य के धार्मिक और पर्यटन स्थल को वैश्विक पहचान दिलाने की बात की। सांसद अजय भट्ट ने इस मुलाकात को अत्यधिक सार्थक बताते हुए कहा कि इसके बाद उत्तराखंड में धार्मिक पर्यटन को लेकर कई नए और सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे।