

लखनऊ में एसटीएफ ने वन्य जीव तस्करी के अंतर्राज्यीय गिरोह के सदस्य को गिरफ्तार किया है। हसनगंज क्षेत्र से पकड़े गए आरोपी के पास से 20 प्रतिबंधित इंडियन स्टार टारटोइज बरामद हुए। यह प्रजाति वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 में शामिल है। आरोपी के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।
लखनऊ में वन्य जीव तस्करी गिरोह का भंडाफोड़
Lucknow: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) को वन्य जीव तस्करी के एक अंतर्राज्यीय गिरोह के खिलाफ बड़ी सफलता हाथ लगी है। एसटीएफ ने लखनऊ के हसनगंज थाना क्षेत्र से एक तस्कर को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से प्रतिबंधित प्रजाति के 20 इंडियन स्टार टारटोइज (Indian Star Tortoise) बरामद किए गए हैं।
गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान विशाल मिश्रा पुत्र स्वर्गीय मनोज कुमार मिश्रा, निवासी कबड़िया का पुरवा, डालीगंज, लखनऊ के रूप में हुई है। आरोपी के पास से एक मोबाइल फोन और एक स्कूटी (एक्टिवा 5G) भी बरामद की गई है, जिसे तस्करी में प्रयुक्त किया जा रहा था।
अंतर्राज्यीय गिरोह के खिलाफ बड़ी सफलता
एसटीएफ टीम ने 9 सितंबर 2025 को शाम 5:30 बजे निराला नगर स्थित जेप्टो ऑफिस के सामने, हसनगंज थाना क्षेत्र से आरोपी को रंगे हाथ पकड़ा। आरोपी उस समय कछुओं को बेचने की फिराक में था।
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पिछले कुछ समय से एसटीएफ को लखनऊ और अन्य जनपदों में वन्य जीव तस्करी की गतिविधियों की सूचनाएं मिल रही थीं। पुलिस उपाधीक्षक अवनीश्वर चन्द्र श्रीवास्तव के पर्यवेक्षण में एसटीएफ की टीम ने सूचना संकलन शुरू किया। निरीक्षक संतोष कुमार सिंह के नेतृत्व में एक टीम लखनऊ में गश्त कर रही थी, तभी उन्हें मुखबिर से जानकारी मिली कि एक व्यक्ति कछुए बेचने आया है। वन विभाग की टीम को साथ लेकर एसटीएफ ने मौके पर पहुंचकर कार्रवाई की और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपी विशाल मिश्रा ने बताया कि वह यह प्रतिबंधित प्रजाति के कछुए कोलकाता से पार्सल के माध्यम से मंगवाता था और फिर इन्हें नेपाल व आसपास के जनपदों में ऊँचे दामों पर बेचता था। गौरतलब है कि Indian Star Tortoise (Geochelone Elegans) वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की अनुसूची-1 में सूचीबद्ध है और इसे पकड़ना, रखना, खरीदना या बेचना पूरी तरह से प्रतिबंधित है।
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आरोपी के खिलाफ थाना हसनगंज में मु.अ.सं. 137/2025 के तहत वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 44, 48, 49, 50 और 51 के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्थानीय पुलिस और वन विभाग संयुक्त रूप से आगे की कार्रवाई कर रहे हैं।