ग्रेटर नोएडा में बाढ़ का खतरा टला; चार दिन में घटा यमुना का जलस्तर, लोग लौटने लगे अपने घर

ग्रेटर नोएडा के डूब क्षेत्रों में यमुना का जलस्तर घटने से राहत की स्थिति बनी है। खतरे के निशान से दो मीटर नीचे पहुंचने पर बाढ़ प्रभावित लोग अब अपने घरों और फार्म हाउसों की ओर लौटने लगे हैं।

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 10 September 2025, 5:04 PM IST
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Noida: ग्रेटर नोएडा के डूब क्षेत्र के लिए राहत भरी खबर है। यमुना नदी का जलस्तर पिछले चार दिनों से लगातार गिरावट पर है और अब यह खतरे के निशान से करीब दो मीटर नीचे पहुंच चुका है। इससे बाढ़ के संकट से जूझ रहे लोगों को काफी राहत मिली है।

ओखला बैराज से फिलहाल लगभग 71 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है, जो सामान्य से भले ही अधिक है, लेकिन बीते 24 घंटों में इसमें 13 हजार क्यूसेक की कमी आई है। विशेषज्ञों का कहना है कि अब बड़े स्तर की बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।

फार्म हाउसों में लौटने लगा जनजीवन

डूब क्षेत्र में बसे 5000 से अधिक अवैध फार्म हाउसों में जनजीवन धीरे-धीरे सामान्य हो रहा है। पहले जहां लोग सुरक्षित स्थानों पर पलायन कर गए थे, वहीं अब बड़ी संख्या में लोग अपने पुराने ठिकानों की ओर लौटने लगे हैं। विशेष रूप से सेक्टर 150, 151, 144, 145, 168 और 94 जैसे इलाकों में स्थित फार्म हाउस और रिहायशी क्षेत्रों से अब पानी पूरी तरह से निकल चुका है। लोग सफाई और मरम्मत के काम में जुट गए हैं।

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लोगों की वापसी शुरू, कुछ अब भी शिविरों में

बाढ़ से प्रभावित कई परिवारों ने शिविरों में शरण ली थी, लेकिन जलस्तर में गिरावट के बाद अब वे धीरे-धीरे अपने घरों की ओर लौट रहे हैं। हालांकि कुछ लोग अभी भी सुरक्षित स्थानों पर रुके हुए हैं, क्योंकि उनके मकानों में मरम्मत का कार्य चल रहा है। कुछ परिवार, जिनका सब कुछ बाढ़ में बह गया, वे अपने मूल जनपदों की ओर लौट गए हैं। ऐसे में सरकार और प्रशासन से पुनर्वास की मांग उठने लगी है।

सोर्स- इंटरनेट

प्रशासन ने ली राहत की सांस

नोएडा की डीएम मेधा रूपम ने लगातार तीन दिन तक बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया था। उन्होंने राहत व बचाव कार्यों की निगरानी खुद की और अधिकारियों को हर हाल में तत्पर रहने के निर्देश दिए थे। अब जब जलस्तर में कमी आई है, प्रशासन भी थोड़ी राहत की स्थिति में आ गया है। आपात स्थिति की योजना और व्यवस्थाओं का दबाव अब कम हो गया है।

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विशेषज्ञों ने बताया सुरक्षित

जल विशेषज्ञों और आपदा प्रबंधन अधिकारियों का कहना है कि यदि बारिश की स्थिति सामान्य रही, तो आने वाले दिनों में यमुना का जलस्तर और भी कम हो जाएगा। बाढ़ से हुए नुकसान का आकलन शुरू हो गया है और रिपोर्ट तैयार की जा रही है।

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