

चंदौली के हामिदपुर गांव में एक पति ने पत्नी को उसके प्रेमी संग रंगेहाथ पकड़ने के बाद न हंगामा किया, न लड़ाई- बल्कि दोनों की मंदिर में शादी करवा दी। इस फैसले ने सभी को हैरत में डाल दिया है। सोशल मीडिया और गांव में इस घटना की जोरदार चर्चा हो रही है।
हामिदपुर का अनोखा मामला
Chandauli: उत्तर प्रदेश के चंदौली जिले से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है। यह मामला जिले के हामिदपुर गांव का है, जहां एक पति ने अपनी पत्नी को उसके प्रेमी के साथ रंगेहाथ पकड़ने के बाद न तो विवाद किया, न मारपीट बल्कि ऐसा फैसला लिया जिसने सभी को चौंका दिया। पति ने पत्नी की प्रेमी के साथ मंदिर में बाकायदा शादी करवाई और उन्हें आशीर्वाद देकर विदा कर दिया।
पूरा मामला तब सामने आया जब हामिदपुर निवासी अरविंद यादव को कई दिनों से अपनी पत्नी पर शक था। आए दिन फोन पर बात करना, घर से बाहर रहना और व्यवहार में बदलाव देख अरविंद सतर्क हो गया। मंगलवार को उसने अपनी पत्नी को उसके प्रेमी के साथ रंगेहाथ पकड़ लिया। दोनों को एकांत में देख वह गुस्से से भर उठा, लेकिन विवाद और हंगामे के बजाय अरविंद ने संयम का रास्ता चुना।
स्थानीय लोगों के अनुसार, अरविंद ने पत्नी और उसके प्रेमी को समझाया और पूछा कि क्या वे दोनों एक-दूसरे से वाकई प्यार करते हैं। जब दोनों ने हामी भरी, तो अरविंद ने वहीं तय किया कि अब रिश्ते को नया नाम देना चाहिए। उसने मंदिर में जाकर पत्नी की प्रेमी के साथ विधिवत शादी करवाने का फैसला लिया।
इसके बाद गांव के ही एक मंदिर में पंडित बुलाकर पूजा करवाई गई और अरविंद ने खुद अपनी पत्नी को प्रेमी के गले में वरमाला डलवाई। मंदिर में मौजूद ग्रामीणों ने भी इस पूरे घटनाक्रम को देखा और कई लोग इस अप्रत्याशित फैसले से स्तब्ध रह गए। वहीं कुछ लोगों ने अरविंद की सहनशीलता और खुले मन की सराहना की।
वरमाला पहनाती प्रेमिका
मंदिर में शादी संपन्न होने के बाद अरविंद ने दोनों को आशीर्वाद दिया और कहा कि जब दो लोग एक-दूसरे से प्रेम करते हैं, तो उन्हें मिल जाना ही उचित है। उन्होंने यह भी कहा कि जबरदस्ती या झगड़े से कोई समाधान नहीं निकलता, बल्कि शांति और समझदारी से रिश्तों को संभालना चाहिए।
यह मामला सोशल मीडिया और स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग अरविंद के फैसले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ इसे आधुनिक सोच बता रहे हैं, तो कुछ इसे रिश्तों की गिरती संवेदनाओं का उदाहरण मान रहे हैं।
हालांकि इस पूरे घटनाक्रम में पुलिस या प्रशासन का कोई हस्तक्षेप नहीं हुआ क्योंकि यह आपसी सहमति का मामला था और कानूनी रूप से भी विवाह की प्रक्रिया वैध रूप से संपन्न हुई।