

गोरखपुर में मूर्ति विसर्जन की रात पुलिस का सख्त पहरा रहा। डीएम-एसएसपी ने स्वयं पैदल गश्त कर सुरक्षा का जायजा लिया। पुलिस ने कोतवाली क्षेत्र के व्यस्त चौक-चौराहों जैसे घंटाघर, स्टेशन रोड और राजघाट के घाट इलाकों का बारीकी से निरीक्षण किया।
मूर्ति विसर्जन की रात पुलिस का सख्त पहरा
Gorakhpur: नवरात्रि का पावन पर्व समाप्ति की ओर बढ़ते ही शहर में मूर्ति विसर्जन का सिलसिला जोरों पर है। लेकिन इस बार सुरक्षा के लिहाज से प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। रात के अंधेरे में भी जिले के जिलाधिकारी (डीएम) और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) जनपद गोरखपुर ने खुद सड़कों पर उतरकर पैदल गश्त की।
थाना कोतवाली और थाना राजघाट के भीड़-भाड़ वाले इलाकों, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों और चहल-पहल भरे बाजारों में उनकी उपस्थिति ने न केवल सुरक्षा बल को सतर्क किया, बल्कि आमजन में भी विश्वास जगाया। मूर्ति विसर्जन को सकुशल संपन्न कराने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया, जो शहर की शांति व्यवस्था को मजबूत बनाने की दिशा में एक मिसाल साबित हो रहा है।
रात करीब 10 बजे शुरू हुई यह पैदल गश्त करीब ढाई घंटे चली। डीएम दीपक मीना और एसएसपी राज करन नय्यर ने कोतवाली क्षेत्र के व्यस्त चौक-चौराहों जैसे घंटाघर, स्टेशन रोड और राजघाट के घाट इलाकों का बारीकी से निरीक्षण किया।
भीड़ में मूर्तियों के जुलूस, डीजे की धुनें और उत्साह का माहौल था, लेकिन कहीं भी लापरवाही का नामोनिशान नहीं। उन्होंने सीसीटीवी कैमरों की कार्यप्रणाली, लाइटिंग व्यवस्था और ट्रैफिक कंट्रोल का जायजा लिया। एक तरफ जहां डीजे की तेज आवाजें गूंज रही थीं, वहीं दूसरी ओर पुलिस की सख्त निगाहें हर कोने पर तैनात।
डीएम ने साफ शब्दों में कहा कि मूर्ति विसर्जन का उत्सव हो या कोई भी धार्मिक आयोजन, सुरक्षा पहले। किसी भी प्रकार की चूक बर्दाश्त नहीं की जाएगी।" वहीं, एसएसपी ने जोर देकर निर्देश दिए कि भीड़ प्रबंधन में ड्रोन का उपयोग बढ़ाया जाए और संदिग्ध तत्वों पर नजर रखी जाए।
इस दौरान क्षेत्राधिकारी कोतवाली, थाना प्रभारी, अन्य वरिष्ठ अधिकारी और सैकड़ों पुलिसकर्मी मौजूद रहे। गश्त टीम में सीओ सिटी, एसपी सिटी समेत कई आईपीएस अधिकारी शामिल थे। उन्होंने स्थानीय दुकानदारों, जुलूस आयोजकों और युवाओं से सीधा संवाद किया।
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एक दुकानदार ने बताया कि डीएम साहब खुद पैदल घूमकर पूछ रहे थे कि कोई दिक्कत तो नहीं। इससे मनोबल बढ़ा। इसी क्रम में, राजघाट घाट पर विसर्जन स्थल का विशेष निरीक्षण किया गया, जहां पानी के स्तर, लाइफ जैकेट्स और गोताखोरों की तैनाती की जांच हुई। याद रहे, पिछले वर्षों में कुछ स्थानों पर छोटे-मोटे हादसे हुए थे, लेकिन इस बार प्रशासन की मुस्तैदी से ऐसा कोई वाकया नहीं हुआ।
यह गश्त केवल औपचारिकता नहीं, बल्कि एक मजबूत संदेश है। गोरखपुर जैसे व्यस्त शहर में जहां कोविड के बाद धार्मिक आयोजनों में भीड़ दोगुनी हो गई है, वहां सुरक्षा की यह दीवार शहरवासियों को निश्चिंत कर रही है।
डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि अगले दो दिनों तक विसर्जन के दौरान रूट डायवर्जन सख्ती से लागू रहे। भारी वाहनों का प्रवेश वर्जित, एम्बुलेंस को प्राथमिकता और हेल्पलाइन नंबर 112 सक्रिय। एसएसपी ने चेतावनी दी कि शरारती तत्वों को चिन्हित कर कार्रवाई की जाएगी।
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शहर के कोने-कोने में उत्साह की लहर है। मंदिरों से निकल रहे जुलूसों में महिलाएं-बच्चे, युवा सभी शामिल हैं। लेकिन प्रशासन की यह सतर्कता ही है जो इस उत्सव को यादगार बना रही है। नवरात्रि की समाप्ति पर गोरखपुर शांतिपूर्ण विसर्जन का संदेश दे रहा है।