

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के थरवई थाना क्षेत्र स्थित गोडवा गांव में बिजली उपकेंद्र की लापरवाही से आक्रोशित ग्रामीणों ने उपकेंद्र का घेराव किया। गंगा नदी के बाढ़ में डूबने वाले उपकेंद्र की स्थिति पर नाराज ग्रामीणों ने विद्युत सप्लाई बहाल करने की मांग की। इसके चलते उपकेंद्र पर भारी हड़कंप मच गया, और एसडीओ ने आश्वासन दिया कि बिजली सप्लाई जल्द ही बहाल कर दी जाएगी।
प्रतीकात्मक तस्वीर (सोर्स- गूगल)
Prayagraj News: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले के थरवई थाना क्षेत्र के गोडवा गांव में बिजली आपूर्ति को लेकर एक बड़ी समस्या उत्पन्न हो गई। दो दिन पहले बिजली उपकेंद्र के कर्मचारियों को अचानक से ग्रामीणों के भारी विरोध का सामना करना पड़ा, जब ग्रामीणों ने उपकेंद्र का पूरी तरह से घेराव कर दिया। इससे पूरे उपकेंद्र परिसर में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों का कहना था कि उनके गांवों में बिजली आपूर्ति बार-बार ठप हो रही थी, और इस समस्या का समाधान शीघ्र होना चाहिए। इसके बाद उपकेंद्र पर बड़ी संख्या में आक्रोशित ग्रामीण जमा हो गए और इस घटना ने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया।
गर्मी, अंधेरा और असुविधा से परेशान ग्रामीण
गर्मी के मौसम में, बीमार, बूढ़े और बच्चे घरों में अंधेरे के कारण परेशान थे। गर्मी के कारण घरों में जानवरों के घुसने का डर भी बना हुआ था। साथ ही, शनिवार को रक्षाबंधन का पर्व मनाया जा रहा था, लेकिन उस दिन भी बिजली की आपूर्ति नहीं हुई, जिससे त्योहार की खुशियां फीकी पड़ गईं। विद्युत आपूर्ति न होने से ग्रामीणों की परेशानी और भी बढ़ गई, और उनका आक्रोश और भी गहरा गया।
गंगा नदी के बाढ़ बना कारण!
ग्रामीणों ने बताया कि यह उपकेंद्र गंगा नदी के किनारे स्थित है, और बाढ़ के दौरान यह उपकेंद्र पूरी तरह से गंगा के पानी में डूब जाता है। यह बाढ़ की समस्या हर साल बढ़ती जा रही है, जिससे उपकेंद्र की विद्युत आपूर्ति प्रभावित हो जाती है। ग्रामवासी लंबे समय से इस समस्या का समाधान चाहते थे, लेकिन अब तक इसके लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए थे। इसका परिणाम यह हुआ कि इस क्षेत्र के करीब दो दर्जन से ज्यादा गांव बिजली संकट का सामना कर रहे हैं। ग्रामीणों ने विद्युत विभाग से उपकेंद्र को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की मांग की है, लेकिन विभाग इस मुद्दे पर कोई ठोस कदम नहीं उठा सका है।
ग्रामीणों के धरने पर एसडीओ का आश्वासन
घटना के बाद, उपकेंद्र पर मौजूद एसडीओ और ग्रामीणों के बीच तीखी नोंक-झोंक हुई। ग्रामीणों ने "बिजली विभाग मुर्दाबाद" के नारे लगाए, और उनका गुस्सा सड़कों पर उतर आया। हालांकि, एसडीओ ने किसानों और ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जल्द ही विद्युत आपूर्ति बहाल कर दी जाएगी। एसडीओ के इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन खत्म कर दिया और उम्मीद जताई कि समस्या का समाधान शीघ्र निकलेगा।
कई गांवों में भारी परेशानियां
इस घटना के बाद, स्थानीय गांवों के लोग अधिकारियों से ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बाढ़ जैसी प्राकृतिक घटनाओं से बचने के लिए उपकेंद्र को अन्य स्थान पर शिफ्ट किया जाना चाहिए। इसके साथ ही, अगर उपकेंद्र का स्थान बदलना मुश्किल है, तो कम से कम वहां विकसित इंफ्रास्ट्रक्चर और नए उपकरणों की व्यवस्था की जानी चाहिए, ताकि आने वाली बाढ़ और बारिश से समस्या का समाधान किया जा सके।
स्थानीय नेताओं की चुप्पी पर सवाल
यहां तक कि स्थानीय नेता भी इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि वे पहले भी कई बार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उनका मानना है कि अगर नेताओं और अधिकारियों की सक्रियता बढ़े तो इस समस्या का हल जल्दी निकाला जा सकता है।