सब्जी महंगी, सड़कें जलमग्न, वाहन फंसे… सोन नदी की बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त

लगातार बारिश और बाणसागर बांध के गेट खुलने से सोन नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। चोपन ब्लॉक के दर्जनों गांवों में पानी भरने लगा है, जिससे सैकड़ों किसानों की फसलें चौपट हो गईं और गांवों से बाजार तक की आवाजाही बाधित हो गई है।

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 18 July 2025, 3:38 PM IST
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Sonbhadra: सोन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और इसका सीधा असर चोपन ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले कनछ गांव सहित आसपास के कई गांवों पर देखा जा रहा है। चोपन की ओर ढलान होने के कारण नदी का पानी धीरे-धीरे कनछ की तरफ बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ जैसी स्थिति बनने लगी है। कनछ, कनौहरा, पकरी, ससनई, चकरिया और पिंडारी समेत दर्जनों गांव बाढ़ की चपेट में आने की आशंका जताई जा रही है।

किसानों की मेहनत पर पानी फिरा

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, तटीय इलाकों में खेती करने वाले सैकड़ों किसानों की फसलें पानी में डूब चुकी हैं। विशेष रूप से रबी की फसल इस जलभराव से बुरी तरह प्रभावित हुई है और किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। खेतों में पानी भर जाने से फसलें सड़ रही हैं, वहीं दूसरी ओर गांवों से चोपन बाजार तक आने वाली ताजी सब्ज़ियों की आपूर्ति बाधित हो गई है, जिससे बाजार में सब्जियों के दाम उच्चतम स्तर पर पहुंच गए हैं।

सड़कें जलमग्न, वाहन हो रहे खराब

गांवों को जोड़ने वाली सड़कें पानी में डूबी हुई हैं। दर्जनों मार्गों की हालत खस्ताहाल है, जिनसे होकर ग्रामीणों और किसानों को बाजार पहुंचना बेहद मुश्किल हो गया है। कई वाहन इंजन में पानी भरने के कारण बीच रास्ते में ही फंस जा रहे हैं। यही सड़कें हजारों लोगों के आवागमन का मुख्य माध्यम हैं, जिनसे वे अपनी दुग्ध, सब्ज़ी और खेती की अन्य उपज बेचने चोपन बाजार आते हैं, जबकि ग्रामीण यहां से दैनिक उपयोग की वस्तुएं खरीदते हैं।

Sonbhadra Floods

फसल और सड़कें बर्बाद

प्रशासन ने जारी की गाइडलाइन

स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन हरकत में आ गया है। बीते कल को कार्यालय सहायक अभियंता, चतुर्थ, बंधी प्रखण्ड द्वितीय, राबर्ट्सगंज, सोनभद्र द्वारा एक एहतियातन गाइडलाइन जारी की गई है। इसमें बताया गया कि लगातार बारिश के चलते बाणसागर बांध के गेट खोल दिए गए हैं, जिससे नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है।

गाइडलाइन के अनुसार 17 जुलाई को सायं 6:00 बजे सोन नदी का जलस्तर 171.64 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान 171.00 मीटर से ऊपर है। यह जलस्तर 24 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है। यदि बारिश का यही सिलसिला जारी रहा, तो हालात और भी विकराल हो सकते हैं।

प्रभावित गांवों की सूची

गाइडलाइन में चेतावनी दी गई है कि जलस्तर में लगातार वृद्धि की स्थिति में गुरदह, अलउर, सिन्दुरिया, चकाडी, गुरूर, चोपन, अम्माटोला, हर्दी, सोन्झर, चकरिया, चाचीकला, नकतवार, पिंडारी सहित कई गांव और मजरों (टोलों) में जलभराव और आवागमन की दिक्कतें उत्पन्न हो सकती हैं।

हालांकि, स्थानीय लोगों और किसानों ने प्रशासन से तत्काल राहत कार्य शुरू करने, जल निकासी की व्यवस्था करने और फसलों के नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। वहीं, गांवों में दवाओं, पीने के पानी और अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को लेकर चिंता जताई जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो स्थिति और भी भयावह हो सकती है।

प्रशासन द्वारा बाढ़ नियंत्रण की तैयारी के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन जमीनी हकीकत अभी भी परेशान करने वाली है।

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