

वाराणसी पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल की है। दो फर्जी कॉल सेंटर्स का भंडाफोड़ करते हुए 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 31 लाख रुपय की ठगी और 20 लाख के उपकरणों व दस्तावेजों की बरामदगी हुई है।
पुलिस ने 29 लोगों को किया गिरफ्तार
Varanasi: साइबर अपराध के खिलाफ वाराणसी पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए दो फर्जी कॉल सेंटर्स का भंडाफोड़ किया है। इस ऑपरेशन में पुलिस ने 29 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से मोबाइल फोन, लैपटॉप, टैबलेट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और नेपाल के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। बरामद सामान की कुल कीमत करीब 20 लाख रुपये आंकी गई है।
पुलिस उपायुक्त (अपराध) सरवणन टी. ने ट्रैफिक लाइन, वाराणसी के नवीन सभागार में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह कार्रवाई सिगरा, चेतगंज और जनपदीय साइबर सेल की संयुक्त टीम द्वारा की गई। यह ऑपरेशन एक महिला की साइबर फ्रॉड की शिकायत के बाद शुरू किया गया था, जिसकी जांच में इन फर्जी कॉल सेंटर्स का खुलासा हुआ।
डीसीपी क्राइम सरवणन टी. ने बताया कि यह गिरोह मुख्य रूप से तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, गुजरात और महाराष्ट्र के लोगों को निशाना बनाता था। आरोपी डीमैट अकाउंट खोलने के नाम पर लोगों को झांसे में लेते और फिर उनसे बैंकिंग व निजी जानकारी लेकर ठगी करते थे।
29 लोगों के गिरफ्तारी, 20 लाख के उपकरण भी बरामद
गिरफ्तार आरोपियों ने स्वीकार किया कि वे अलग-अलग नामों से खुद को पेश करते थे, जिन्हें 'वर्किंग नेम' कहा जाता था। ये नाम वे ग्राहकों से बातचीत के दौरान इस्तेमाल करते थे ताकि उनकी असली पहचान छिपी रहे।
पुलिस जांच में पाया गया कि यह गिरोह 27 मामलों से जुड़ा हुआ था जो एनसीआरपी पोर्टल पर दर्ज हैं। इन मामलों में अब तक करीब 31,33,000 रुपय की ठगी की जा चुकी थी।
संयुक्त छापेमारी में सिगरा इलाके से 26 और चेतगंज से 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया। उनके पास से 57 मोबाइल फोन, एक टैबलेट, बड़ी संख्या में फर्जी दस्तावेज और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं।
डीसीपी क्राइम ने बताया कि आरोपियों पर संगठित अपराध अधिनियम (BSA) के तहत कार्रवाई की जाएगी। पुलिस यह भी पता लगा रही है कि इन लोगों का नेटवर्क देश के किन-किन हिस्सों में फैला हुआ है और क्या इनके संबंध अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोहों से हैं।
उनके आपराधिक रिकॉर्ड की जाँच राष्ट्रीय स्तर पर की जा रही है। पुलिस का मानना है कि इस गिरोह का जाल और भी शहरों तक फैला हो सकता है।
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे डीमैट अकाउंट या फाइनेंशियल सलाह के नाम पर आने वाले किसी भी संदिग्ध कॉल से सतर्क रहें। यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है तो वह तुरंत 1930 पर कॉल करे या www.cybercrime.gov.in
(एनसीआरपी पोर्टल) पर अपनी शिकायत दर्ज कराए।
पुलिस उपायुक्त सरवणन टी. ने कहा कि- यह एक संगठित साइबर ठगी का नेटवर्क था जो पूरे देश को प्रभावित कर रहा था। हमलोगों की प्राथमिकता है कि आरोपियों को कठोरतम सजा दिलाई जाए।