

वाराणसी जिले में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक बेरोजगार युवक से 11 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
वाराणसी में सरकारी नौकरी के नाम पर ठगी (फोटो सोर्स- इंटरनेट)
वाराणसी: उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देकर एक बेरोजगार युवक से 11 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। पीड़ित युवक की तहरीर पर कैंट थाने में चार आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, धमकी देने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, गाजीपुर जिले के बिरनो थाना अंतर्गत सियाबारी गांव के मूल निवासी और फिलहाल वाराणसी के विंध्यवासिनी नगर में रहने वाले सुनील कुमार ने पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि वह अनुसूचित जाति का बेरोजगार युवक है। सुनील ने आरोप लगाया कि पड़ोसी गांव तहबरपुर (मेढ़ो) की लीला देवी और उनके पति संतोष कुमार ने उसे सरकारी नौकरी दिलाने का भरोसा दिया था।
सुनील के अनुसार, इस झांसे में आकर उसने फरवरी 2019 से मई 2019 तक आरोपियों को कुल चार लाख दस हजार रुपये नकद दिए। इसके बाद लीला देवी और संतोष कुमार ने वाराणसी कचहरी में उसे दो अन्य लोगों से मिलवाया- जयप्रकाश सिंह, जो खुद को सचिवालय अधिकारी बताता था, और उसकी बहन मनोरमा सिंह से। इन चारों ने पीड़ित को बताया कि वे कई लोगों की नौकरी लगवा चुके हैं और उसका काम भी जल्दी हो जाएगा।
इसके बाद पीड़ित से सात लाख रुपये और वसूले गए। लेकिन न तो उसे नौकरी मिली और न ही अब तक कोई रकम वापस की गई। पीड़ित ने बताया कि जब वह बार-बार पैसे की मांग करता रहा, तो आरोपी कॉल उठाना बंद कर दिए। हाल ही में जब पीड़ित की कचहरी परिसर में इन चारों से मुलाकात हुई, तो आरोपियों ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल किया और जान से मारने की धमकी भी दी।
इस गंभीर मामले को लेकर पीड़ित ने कैंट थाने में शिकायती पत्र दिया, जिस पर पुलिस ने धारा 420 (धोखाधड़ी), 504, 506 (धमकी देना), 3(1)10 SC/ST Act के तहत मुकदमा दर्ज किया है।
कैंट थाना प्रभारी ने बताया कि, मामले की गहनता से जांच की जा रही है। आरोपियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो गिरफ्तारी भी की जाएगी।