UP Teacher Transfer: यूपी में पहली बार शिक्षकों के ऑनलाइन तबादले! इतने लोगों को मिला नया स्कूल, लेकिन इतने के सपने टूटे

  इतिहास में पहली बार  उत्तर प्रदेश के एडेड माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया गया है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 28 June 2025, 2:04 PM IST
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लखनऊ:  इतिहास में पहली बार  उत्तर प्रदेश के एडेड माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए स्थानांतरण प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से पारदर्शिता और कार्यक्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से लागू की गई इस प्रक्रिया के जरिए  360 शिक्षकों का ऑनलाइन ट्रांसफर  किया गया है।

विभाग ने तबादले की जानकारी यहां की शेयर

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक,   इस ऐतिहासिक पहल की निगरानी अपर निदेशक सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने की है। विभाग ने तबादले के सभी आदेश अपनी आधिकारिक वेबसाइट secaidedtransfer.upsdc.gov.in पर अपलोड कर दिए हैं। संबंधित शिक्षक अपने लॉगिन आईडी की मदद से अपना स्थानांतरण आदेश डाउनलोड कर सकते हैं।

इतने शिक्षकों के आवेदन निरस्त

हालांकि, प्रक्रिया के दौरान तकनीकी खामियों और दस्तावेजों की त्रुटियों के चलते 106 शिक्षकों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। विभाग ने स्पष्ट किया है कि यह निरस्तीकरण पूरी तरह नियमानुसार और तकनीकी कारणों पर आधारित है। वहीं, करीब 1200 अन्य शिक्षकों के आवेदन अब भी प्रक्रियाधीन हैं, जिन पर जल्द ही उच्चस्तरीय समिति निर्णय लेगी। इन आवेदनों की गहन जांच के बाद अगली सूची जारी की जाएगी।

गौरतलब है कि इससे पहले स्थानांतरण प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन होती थी, जिससे भेदभाव और अपारदर्शिता के आरोप लगते रहते थे। शिक्षक संगठन भी लगातार शिकायतें करते आ रहे थे कि प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है और कुछ मामलों में अनुचित प्रभाव डाला जाता है।

नई ऑनलाइन व्यवस्था

नई ऑनलाइन व्यवस्था ने न केवल पारदर्शिता को बढ़ाया है, बल्कि प्रक्रिया में लगने वाले समय की भी बचत हुई है। अब शिक्षक घर बैठे ही अपने आवेदन दाखिल कर सकते हैं और स्थानांतरण आदेश देख सकते हैं। शिक्षकों ने विभाग की इस पहल का स्वागत किया है और इसे शिक्षा व्यवस्था में तकनीकी सुधार की दिशा में एक मजबूत कदम बताया है। शिक्षक संगठनों का मानना है कि यदि यह प्रक्रिया नियमित रूप से ऑनलाइन होती रही, तो स्थानांतरण में होने वाली तमाम शिकायतें स्वतः समाप्त हो जाएंगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग की यह पहल निश्चित ही भविष्य के लिए एक आदर्श मॉडल बन सकती है, जिससे पूरे राज्य में शिक्षक हितों की रक्षा के साथ-साथ प्रशासनिक पारदर्शिता भी सुनिश्चित हो सकेगी।

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