UP Crime: क्या है लखनऊ का टिंकल पिंक क्लब फायरिंग मामला? मुख्य आरोपी चढ़ा यूपी एसटीएफ के हत्थे

यूपी एसटीएफ ने पटना से टिंकल पिंक क्लब फायरिंग के मुख्य आरोपी शिव शर्मा को गिरफ्तार कर सफलता हासिल की है। 50,000 रुपये के इनामी अभियुक्त को अस्पताल के बाहर से दबोचा। पुलिस को मिली मुखबिर की सूचनाओं पर गिरफ्तारी संभव हुई।

Updated : 13 October 2025, 7:11 PM IST
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Lucknow: उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने पटना बिहार से  50,000 रुपय का इनामी आरोपी शिव शर्मा को गिरफ्तार हो गया है। शिव शर्मा थाना विभूतिखण्ड, लखनऊ में दर्ज एक गंभीर मामले में वांछित था, जिसमें वह फरार चल रहा था। यह गिरफ्तारी एसटीएफ की रणनीतिक कार्रवाई का परिणाम है, जिससे अपराधियों को पुलिस की पकड़ से बाहर नहीं रहने दिया जा रहा है।

सनसनीखेज मामले को दिया अंजाम

शिव शर्मा, जो लखनऊ के अलीगंज इलाके का निवासी है, थाना विभूतिखण्ड में दर्ज मुकदमा संख्या 321/2025 के तहत विभिन्न धाराओं में आरोपी था। इन धाराओं में धारा 109 (सहायक), 115 (2) (अपराध को छिपाने का प्रयास), 191 (2) (झूठा बयान), 351 (3) (मारपीट के साथ डराना-धमकाना) और 352 (बीएनएस) शामिल हैं। मामला विशेष रूप से सनसनीखेज था क्योंकि 30 अगस्त 2025 को दिनदहाड़े लखनऊ के टिंकल पिंक क्लब में फायरिंग की घटना हुई थी, जिसमें शिव शर्मा का नाम आरोपी के रूप में सामने आया था। इस घटना से न केवल स्थानीय प्रशासन बल्कि आम जनता में भी भय का माहौल बना था।

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इस गंभीर अपराध के चलते पुलिस ने शिव शर्मा के ऊपर 50,000 रुपये का इनाम घोषित किया था ताकि उसकी गिरफ्तारी को प्राथमिकता दी जा सके। पुलिस की कड़ी मेहनत और मुखबिरों से मिली सूचनाओं के आधार पर एसटीएफ ने इस अपराधी को ट्रैक करना शुरू किया।

सूचनाओं के आधार पर पटना से गिरफ्तारी

एसटीएफ को लगातार खबरें मिल रही थीं कि शिव शर्मा बिहार के पटना में किसी रिश्तेदार के यहाँ छिपा हुआ है। इसी सूचना के आधार पर एसटीएफ की टीम ने पटना जाकर जांच-पड़ताल की। विशेष रूप से मेदान्ता अस्पताल, पटना के आसपास निगरानी बढ़ा दी गई थी।

UP STF Operation

प्रतीकात्मक छवि (फोटो सोर्स-इंटरनेट)

12 अक्टूबर को लगभग 11:20 बजे एसटीएफ की टीम ने मेदान्ता अस्पताल के बाहर कंकड़ बाघ थाना क्षेत्र में शिव शर्मा को पकड़ लिया। इस गिरफ्तारी के दौरान एसटीएफ की टीम में पुलिस उपाधीक्षक प्रमेश कुमार शुक्ल के नेतृत्व में मुख्य आरक्षी मृत्यंजय सिंह, मुख्य आरक्षी कवीन्द्र साहनी, मुख्य आरोपी वीर प्रताप और आरोपी चालक शिववीर शामिल थे। यह टीम अपनी सूझ-बूझ और तत्परता के लिए सराही गई।

पूछताछ में खुलासा

पकड़े गए शिव शर्मा ने पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह लखनऊ में दर्ज मुकदमे से बचने के लिए पटना में छिपा हुआ था। उसने पुलिस को बताया कि वह अपने ऊपर लगे आरोपों से बचने के लिए लगातार छिपा हुआ था और किसी तरह से गिरफ्तारी से बचने की कोशिश कर रहा था।

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अब क्या होगी अगली कानूनी कार्रवाई?

गिरफ्तार अभियुक्त शिव शर्मा को लखनऊ वापस लाकर सक्षम न्यायालय में पेश किया गया है। आगे की विधिक प्रक्रिया थाना विभूतिखण्ड, लखनऊ द्वारा पूरी तत्परता से संपादित की जाएगी। एसटीएफ और स्थानीय पुलिस दोनों ने इस मामले में पूरे संकल्प के साथ कार्य करते हुए अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

उत्तर प्रदेश एसटीएफ के पुलिस उपाधीक्षक अभिषेक वर्मा ने कहा, "हमने अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई में कोई कमी नहीं छोड़ी है। यह गिरफ्तारी हमारी टीम की सक्रियता और मुखबिरों की सूचनाओं के कारण संभव हो पाई है।"

Location : 
  • Lucknow

Published : 
  • 13 October 2025, 7:11 PM IST