

उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने शनिवार को हापुड़ में एक बड़ा एक्शन लिया है। हापुड़ में स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी पर छापा मारकर एक बड़े घोटाले का पर्दाफाश किया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत 12 लोग दबोचे
हापुड़: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए हापुड़ जिले में स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी पर छापेमारी की है। यह छापेमारी एसटीएफ लखनऊ मुख्यालय की टीम ने की। यह एक्शन एक प्रार्थना पत्र पर शुरू हुई जांच के आधार पर की गई थी। छापेमारी के दौरान टीम को बड़ी संख्या में फर्जी अंकपत्र, डिग्रियां और अन्य शैक्षिक दस्तावेज बरामद हुए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, इस कार्रवाई में मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा समेत करीब 12 लोगों को हिरासत में लिया गया है। एसटीएफ प्रमुख और एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अमिताभ यश ने इस छापेमारी की पुष्टि करते हुए बताया कि यह कार्रवाई 17 मई को की गई थी और लगभग 5 घंटे तक चली थी।
बड़ी मात्रा में डिजिटल साक्ष्य भी जब्त
एसटीएफ द्वारा की गई छापेमारी के दौरान यूनिवर्सिटी परिसर से लैपटॉप, हार्डडिस्क, सर्वर सिस्टम और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं। इन सभी डिजिटल उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा। जिससे यह पता चल सके कि फर्जी दस्तावेजों का निर्माण और वितरण कैसे किया जा रहा था। साथ में इसमें कौन-कौन शामिल थे।
बाइक बोट घोटाले से भी जुड़ा है चेयरमैन
एसटीएफ चीफ अमिताभ यश ने यह भी खुलासा किया कि मोनाड यूनिवर्सिटी के चेयरमैन विजेंद्र सिंह हुड्डा पहले भी चर्चित बाइक बोट घोटाले का मास्टरमाइंड रह चुका है। यह घोटाला करोड़ों रुपये की ठगी से जुड़ा हुआ था और अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि हुड्डा का नाम शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़े घोटाले से जुड़ गया है।
आगे की कानूनी कार्रवाई जारी
एसटीएफ द्वारा सभी आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। बरामद दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है। अमिताभ यश ने बताया कि अग्रिम विधिक कार्रवाई नियमानुसार की जा रही है। जांच पूरी होने के बाद इसमें और भी लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है।
पहले भी विवादों में रहा है मोनाड यूनिवर्सिटी
हापुड़ स्थित मोनाड यूनिवर्सिटी इससे पहले भी कई विवादों में घिर चुकी है। विश्वविद्यालय पर पहले भी अवैध दाखिले, फर्जी डिग्री और प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप लगते रहे हैं। ताजा कार्रवाई ने एक बार फिर इस संस्थान की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।