

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में एसटीएफ और स्थानीय पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में अंतर्राज्यीय शराब तस्करी गिरोह के दो तस्कर गिरफ्तार किए गए हैं। उनके कब्जे से 537 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद की गई है, जिसकी कीमत लगभग 60 लाख रुपये बताई जा रही है। गिरोह पंजाब से शराब लाकर बिहार में सप्लाई कर रहा था।
पुलिस ने दो आरोपियों को दबोचा
उत्तर प्रदेश एसटीएफ को बड़ी सफलता मिली है। अंतर्राज्यीय अवैध शराब तस्करी में लिप्त दो तस्करों को आजमगढ़ जिले में गिरफ्तार किया गया है। उनके पास से 537 पेटी अवैध अंग्रेजी शराब बरामद हुई है, जिसकी बाजार में अनुमानित कीमत लगभग 60 लाख रुपये बताई जा रही है। यह शराब पंजाब से लाकर बिहार में खपाने की तैयारी थी।
बदमाशों की पहचान
गिरफ्तार तस्करों की पहचान भीमा राम और योगेश कुमार निवासी बाड़मेर (राजस्थान) के रूप में हुई है। दोनों लंबे समय से शराब तस्करी से जुड़े हैं और पंजाब के कुख्यात तस्कर आशु के लिए काम करते हैं।
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कैसे हुआ खुलासा?
उत्तर प्रदेश में इस गिरोह की सक्रियता को लेकर एसटीएफ को लगातार सूचनाएं मिल रही थी। इसके बाद एसटीएफ की कई इकाइयों को इस नेटवर्क को तोड़ने के लिए अलर्ट किया गया। इसी क्रम में 13 अक्टूबर 2025 को एसटीएफ वाराणसी यूनिट के निरीक्षक अनिल कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम आजमगढ़ में गश्त कर रही थी। उसी दौरान सूचना मिली कि एक कंटेनर ट्रक (नंबर एमएच-04 KF-4377) पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर खड़ा है, जिसमें भारी मात्रा में शराब छिपाकर बिहार भेजी जा रही है।
शराब को छुपाने के लिए 12 लाख की नमकीन और चिप्स की फर्जी बिल्टी
सूचना पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसटीएफ ने स्थानीय पुलिस और आबकारी विभाग की मदद से कंधरापुर मोड़ (किमी 229) पर ट्रक को रोका। जब ट्रक की तलाशी ली गई तो सामने आया कि चिप्स और नमकीन के पैकेट्स के बीच 537 पेटी अंग्रेजी शराब छिपाकर रखी गई थी। जांच में यह भी सामने आया कि ट्रक के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेचिस नंबर फर्जी थे। वाहन मालिक से जब संपर्क किया गया तो उसने बताया कि उसका असली ट्रक महाराष्ट्र के भिवंडी में खड़ा है।
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एक ट्रिप के तस्करों को मिलते थे एक लाख रुपये
पूछताछ में खुलासा हुआ कि तस्कर आशु ने उन्हें शराब के साथ 12 लाख रुपये की नमकीन और चिप्स की फर्जी बिल्टी दी थी, जिससे चेकिंग में धोखा दिया जा सके। आशु प्रति ट्रिप तस्करों को 1 लाख रुपये देता था। गिरफ्तार तस्करों ने यह भी बताया कि चेकिंग के दौरान आमतौर पर सिर्फ चेचिस नंबर देखा जाता है, इंजन नंबर नहीं, इसी का फायदा उठाकर फर्जी दस्तावेज तैयार किए गए थे।
इन धाराओं में मुकदमा दर्ज
गौर करने वाली बात यह है कि बरामद शराब की बोतलों पर लगा क्यूआर कोड भी फर्जी निकला। आबकारी विभाग इसकी जांच कर रहा है। गिरफ्तार आरोपियों के खिलाफ थाना कंधरापुर (आजमगढ़) में मुकदमा संख्या 317/2025 दर्ज कर उन्हें धारा 318(4) BNS और आबकारी अधिनियम की धाराओं 60/63/72 के तहत जेल भेजा गया है। मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है।