

1गोला उपनगर में एक मनबढ़ बंदर के आतंक ने स्थानीय निवासियों का जीना मुहाल कर दिया है। पिछले तीन महीनों में इस बंदर ने सैकड़ों बच्चों को काटकर घायल किया है, जिससे नगरवासियों में दहशत का माहौल व्याप्त है। पढिए पूरी खबर
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से खबर सामने आई है। यहां 1गोला उपनगर में एक मनबढ़ बंदर के आतंक ने स्थानीय निवासियों का जीना मुहाल कर दिया है। पिछले तीन महीनों में इस बंदर ने सैकड़ों बच्चों को काटकर घायल किया है, जिससे नगरवासियों में दहशत का माहौल व्याप्त है। खासकर वार्ड नंबर 17, 08, 14, 11, 12 और आसपास के गांवों जैसे बांहपुर, मन्नीपुर, रामामऊ, और बेवरी में यह बंदर आतंक का पर्याय बन चुका है। लोग रात-बिरात घर से निकलने में डर रहे हैं, और बच्चे स्कूल जाने से कांप रहे हैं। इस बंदर ने विशेष रूप से छोटे बच्चों को निशाना बनाया है, जो छतों या दरवाजों पर खेलते समय इसके शिकार बन रहे हैं।
डाइनामाइट न्यूज संवादाता अनुसार पीड़ितों के परिजनों ने बार-बार नगर पंचायत, तहसील, पुलिस प्रशासन और वन विभाग से गुहार लगाई, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह बंदर इतना चालाक है कि वह चुपके से आकर बच्चों को काट लेता है और फौरन भाग जाता है। इससे बच्चे सहमे हुए हैं और उनके अभिभावक चिंतित हैं। वार्ड नंबर 17 के आरुष साहनी, अमृत साहनी, चांदनी साहनी, कार्तिक गुप्ता, सूरज गुप्ता, प्रियांशी गुप्ता, रमजान, रामा, अमन, इमरान, तायरा, जिशान अंसारी, और वार्ड नंबर 08 के अनंत सिंह, स्नेहा पटेल, प्रियंका पटेल, बेवरी के हर्षित पटवा, अंश मोदनवाल, सबा खातून, अरुण त्रिपाठी, आरुषी जायसवाल, अंशिका जैसे कई मासूम इस बंदर का शिकार बन चुके हैं।
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भोला गुप्ता के घर में यह बंदर घुसा...
दो सप्ताह पहले वार्ड नंबर 08 के भोला गुप्ता के घर में यह बंदर घुस गया था। स्थानीय लोगों ने उसे एक कमरे में बंद कर दिया और प्रशासन को सूचना दी। अगले दिन वन विभाग की टीम जाल लेकर पहुंची, लेकिन घंटों कोशिश के बावजूद बंदर चकमा देकर भाग निकला। वन विभाग की नाकामी से लोग और आक्रोशित हैं। नगरवासियों का कहना है कि प्रशासन की उदासीनता के कारण यह समस्या गंभीर होती जा रही है।
प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग...
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वे चाहते हैं कि इस बंदर को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर ले जाया जाए ताकि बच्चे बिना डर के स्कूल जा सकें और लोग निश्चिंत होकर अपने घरों से निकल सकें। यदि जल्द ही कोई कदम नहीं उठाया गया, तो स्थिति और विकट हो सकती है।