UP News: महोबा में आउटसोर्स मीटर रीडरों का हंगामा, वेतन कटौती पर फूटा गुस्सा, कंपनी पर लगा ये आरोप

महोबा में निजी कंपनी द्वारा बिजली विभाग में कार्यरत आउटसोर्स मीटर रीडरों को शासन द्वारा निर्धारित वेतन तय होने के बावजूद भुगतान न मिलने से नाराजगी फैल गई है। बड़ी संख्या में श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय पहुंचे और वेतन दिलाए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की।

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 10 September 2025, 7:27 PM IST
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महोबा:  उत्तर प्रदेश के  महोबा में निजी कंपनी द्वारा बिजली विभाग में कार्यरत आउटसोर्स मीटर रीडरों को शासन द्वारा निर्धारित वेतन तय होने के बावजूद भुगतान न मिलने से नाराजगी फैल गई है। इस मामले से परेशान मीटर रीडर बुधवार को बड़ी संख्या में श्रम प्रवर्तन अधिकारी कार्यालय पहुंचे और वेतन दिलाए जाने की मांग को लेकर नारेबाजी की। कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि कंपनी द्वारा वेतन में भारी कटौती की जा रही है, जिससे परिवार चलाना मुश्किल हो गया है।

3 रुपये 33 पैसे प्रति बिल की दर से भुगतान

कर्मचारियों ने बताया कि वे टीडीएस कंपनी के माध्यम से विद्युत बिल निकालने का कार्य कर रहे हैं। तीन से चार महीने काम कराने के बाद उन्हें केवल एक माह का अधूरा वेतन दिया गया। जो राशि उन्हें दी जाती है, वह 2500 से 3000 रुपये तक होती है। इतने कम पैसों में परिवार का भरण-पोषण संभव नहीं है। कर्मचारियों ने कहा कि कंपनी द्वारा मानक वेतन देने का नियम है प्रोब व ओसीआर बिल बनाने पर 7 रुपये 62 पैसे और मैनुअल बिल बनाने पर 4 रुपये 95 पैसे मिलना चाहिए। मगर कंपनी नियमों को ताक पर रखकर महज 3 रुपये 33 पैसे प्रति बिल की दर से भुगतान कर रही है।

 वेतन विसंगति दूर कराने के लिए नियमानुसार कार्रवाई

आउटसोर्स कर्मचारी योगेश गुप्ता, अनूप शुक्ला और भाई जी तिवारी ने कहा कि इस तरह की कम वेतन से उनका जीवन संकट में है। मेहनत करने के बाद भी परिवार की जरूरतें पूरी नहीं हो पा रही हैं। कर्मचारियों ने श्रम प्रवर्तन अधिकारी से हस्तक्षेप की मांग की। वहीं, श्रम प्रवर्तन अधिकारी महन्थ प्रजापति ने कर्मचारियों की समस्याएं सुनीं और आश्वासन दिया कि मामले को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारियों से वार्ता कर दैनिक भोगी कर्मचारियों को हर संभव मदद उपलब्ध कराई जाएगी। अधिकारी ने भरोसा दिलाया कि वेतन विसंगति दूर कराने के लिए नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। श्रम प्रवर्तन कार्यालय में पहुंचे मीटर रीडरों ने स्पष्ट कहा कि यदि उनकी समस्या का जल्द समाधान नहीं हुआ तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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