

महोबा जनपद की कुलपहाड़ तहसील के नैपुरा गांव में फसल के नष्ट होने और कर्ज के बोझ से दबे एक किसान ने अपने ही खेत में फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली।मौत से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है। पढ़ें पूरी खबर
फसल बर्बादी से परेशान किसान
महोबा: उत्तर प्रदेश के महोबा जनपद की कुलपहाड़ तहसील के नैपुरा गांव में फसल के नष्ट होने और कर्ज के बोझ से दबे एक किसान ने अपने ही खेत में फांसी लगाकर जीवन लीला समाप्त कर ली। 45 वर्षीय किसान अरविंद यादव पुत्र पन्नालाल की मौत से पूरे परिवार में कोहराम मच गया है।
क्या है पूरा मामला
जानकारी के मुताबिक, बताया जाता है कि अरविंद यादव के खेत में बोई गई उड़द, मूंग और मूंगफली की फसल हाल की अतिवृष्टि से पूरी तरह नष्ट हो गई थी। इससे पहले भी वह साहूकारों से लिए गए कर्ज के दबाव में थे। बीते वर्ष उन्होंने अपनी पुत्री का विवाह किया था जिसके लिए भी उन्होंने कर्ज लिया था। परिजनों का कहना है कि उन पर करीब पांच से दस लाख रुपये तक का कर्ज था, जिसकी अदायगी वह नहीं कर पा रहे थे। फसल खराब हो जाने से उनकी चिंता और बढ़ गई थी।
शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा
अरविंद रोज की तरह खेत गए, लेकिन जब देर तक वापस नहीं लौटे तो परिजन खाना लेकर पहुंचे। वहां पहुंचकर देखा तो अरविंद पेड़ से फांसी के फंदे पर झूल रहे थे। यह दृश्य देख परिजनों के पैरों तले जमीन खिसक गई। उनके भतीजे सोनू यादव ने बताया कि फसल की बरबादी और कर्ज के दबाव ने ही अरविंद को आत्महत्या जैसा कदम उठाने पर मजबूर कर दिया। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
गांव में शोक की लहर
महोबकंठ थाना प्रभारी विनोद कुमार सरोज ने बताया कि किसान की मौत की जांच की जा रही है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। कर्ज और फसल बर्बादी से टूटा किसान अरविंद की मौत ने न केवल उसके परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है, बल्कि पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। पत्नी और एक पुत्र का रो-रोकर बुरा हाल है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार को ऐसे किसानों की मदद के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए, ताकि कोई और किसान इस तरह की मजबूरी में अपनी जान न गंवाए।