

गोरखपुर राज करन नय्यर के कुशल निर्देशन और प्रभारी डायल 112 के नेतृत्व में जनपद की पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (पीआरवी) टीम ने आत्महत्या के प्रयासों को नाकाम करते हुए पांच लोगों की जान बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है। पढिए पूरी खबर
गोरखपुर: वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, गोरखपुर राज करन नय्यर के कुशल निर्देशन और प्रभारी डायल 112 के नेतृत्व में जनपद की पुलिस रिस्पॉन्स व्हीकल (पीआरवी) टीम ने आत्महत्या के प्रयासों को नाकाम करते हुए पांच लोगों की जान बचाकर मानवता की मिसाल पेश की है। वर्ष 2025 में इन उत्कृष्ट कार्यों के लिए डायल 112 की टीम को "विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस" (10 सितंबर 2025) के अवसर पर पुलिस महानिदेशक, यूपी-112 द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह उपलब्धि न केवल पुलिस की तत्परता को दर्शाती है, बल्कि समाज में जागरूकता और संवेदनशीलता का संदेश भी देती है।
क्या है पूरा मामला
पहला मामला 10 जून 2025 को सिकरीगंज थाना क्षेत्र में सामने आया, जहां पीआरवी-0352 को एक महिला के आत्महत्या के प्रयास की सूचना मिली। पारिवारिक विवाद से परेशान महिला ने कमरे की छत पर दुपट्टे से फंदा लगाकर फांसी लगाने की कोशिश की। पीआरवी कर्मियों ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फंदा काटकर महिला को सुरक्षित उतारा और उसकी जान बचाई।
दूसरा मामला 30 जुलाई 2025 को चिलुआताल थाना क्षेत्र में हुआ।
पारिवारिक विवाद के कारण कमरे में फंदा लगाया...
पीआरवी-5128 ने एक महिला को फांसी के फंदे से बचाया, जो अपने कमरे में साड़ी से फंदा बनाकर लटक रही थी। कर्मियों ने दरवाजा तोड़कर उसे सकुशल नीचे उतारा। 28 अगस्त 2025 को बेलघाट थाना क्षेत्र में पीआरवी-5138 ने एक महिला को बचाया, जिसने स्वयं पर थिनर डालकर आग लगा ली थी। कर्मियों ने तुरंत उसे एम्बुलेंस से सीएचसी बेलघाट पहुंचाया, जहां उसका इलाज हुआ। 11 जनवरी 2025 को चिलुआताल में पीआरवी-5128 ने एक अन्य महिला को फांसी से बचाया, जिसने पारिवारिक विवाद के कारण कमरे में फंदा लगाया था। कर्मियों ने दरवाजा तोड़कर उसे सुरक्षित निकाला।
रोकथाम के प्रति जागरूक करने का एक सशक्त प्रयास
9 मार्च 2025 को चौरी-चौरा थाना क्षेत्र में पीआरवी-5130 ने एक महिला को समझा-बुझाकर आत्महत्या से रोका, जो फंदा तैयार कर रही थी। इन सराहनीय कार्यों के लिए कमांडर प्रताप बहादुर, श्याममिलन, यशवंत यादव, जसवंत यादव, सचिन, अशोक कुमार, और पायलट रमाकांत यादव, वीरेंद्रनाथ पाठक, रफीक अली, चंदगीलाल, राजेश यादव को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया। गोरखपुर पुलिस की यह मुस्तैदी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि समाज को आत्महत्या रोकथाम के प्रति जागरूक करने का एक सशक्त प्रयास भी है।
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