UP Crime: खतौनी से पिता का नाम गायब, पीड़ित ने आत्महत्या की दी धमकी, जानें पूरी खबर

बाराबंकी के कोतवाली हैदरगढ़ क्षेत्र के रौनी ग्राम पंचायत निवासी युवक हरि प्रकाश गिरी बीते छह माह से खतौनी में पिता का नाम दर्ज कराने के लिए लेखपाल के चक्कर लगा रहा था। बार-बार प्रयासों के बावजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो पीड़ित ने आत्महत्या की धमकी दे डाली।

Post Published By: Deepika Tiwari
Updated : 3 September 2025, 7:21 PM IST
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बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के कोतवाली हैदरगढ़ क्षेत्र के रौनी ग्राम पंचायत निवासी युवक हरि प्रकाश गिरी बीते छह माह से खतौनी में पिता का नाम दर्ज कराने के लिए लेखपाल के चक्कर लगा रहा था। बार-बार प्रयासों के बावजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो पीड़ित ने आत्महत्या की धमकी दे डाली।

क्या है पूरा मामला

जानकारी के अनुसार, हरि प्रकाश के पिता भगवत गिरी की मृत्यु लगभग एक दशक पूर्व हो चुकी है। उनके नाम रौनी मौजे में खेती योग्य भूमि दर्ज थी। पिता की मृत्यु के एक दशक बाद भी वरासत न कराने के कारण खतौनी में पिता का नाम अब तक सह खातेदारी में चला आ रहा था। मार्च में अंश निर्धारण के दौरान नई खतौनी में पिता का नाम अचानक गायब हो गया, जिससे परेशान होकर हरि प्रकाश ने कई बार लेखपाल स्वंयबीर सिंह से संपर्क किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

पीड़ित ने आत्महत्या की धमकी

पीड़ित का आरोप है कि लेखपाल टालमटोल करते रहे और असंवेदनशील व्यवहार किया। इसी बीच पीड़ित का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उसने आत्महत्या की चेतावनी दी। वीडियो वायरल होते ही मामला एसडीएम राजेश विश्वकर्मा के संज्ञान में आया।उन्होंने तत्काल पीड़ित व लेखपाल को बुलाकर मामले की जानकारी ली। लेखपाल ने बताया कि अंश निर्धारण के दौरान गांव के कुछ लोगों द्वारा गलत सूचना दिए जाने से नाम हट गया। एसडीएम ने पीड़ित को आश्वस्त किया कि जल्द ही खतौनी की त्रुटि को सुधार दिया जाएगा और आगे किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। बाराबंकी के कोतवाली हैदरगढ़ क्षेत्र के रौनी ग्राम पंचायत निवासी युवक हरि प्रकाश गिरी बीते छह माह से खतौनी में पिता का नाम दर्ज कराने के लिए लेखपाल के चक्कर लगा रहा था। बार-बार प्रयासों के बावजूद जब कोई सुनवाई नहीं हुई, तो पीड़ित ने आत्महत्या की धमकी दे डाली।

खतौनी में पिता का नाम अचानक गायब

जानकारी के अनुसार, हरि प्रकाश के पिता भगवत गिरी की मृत्यु लगभग एक दशक पूर्व हो चुकी है। उनके नाम रौनी मौजे में खेती योग्य भूमि दर्ज थी। पिता की मृत्यु के एक दशक बाद भी वरासत न कराने के कारण खतौनी में पिता का नाम अब तक सह खातेदारी में चला आ रहा था। मार्च में अंश निर्धारण के दौरान नई खतौनी में पिता का नाम अचानक गायब हो गया, जिससे परेशान होकर हरि प्रकाश ने कई बार लेखपाल स्वंयबीर सिंह से संपर्क किया, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।

पीड़ित का एक वीडियो वायरल

पीड़ित का आरोप है कि लेखपाल टालमटोल करते रहे और असंवेदनशील व्यवहार किया। इसी बीच पीड़ित का एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उसने आत्महत्या की चेतावनी दी। वीडियो वायरल होते ही मामला एसडीएम राजेश विश्वकर्मा के संज्ञान में आया। उन्होंने तत्काल पीड़ित व लेखपाल को बुलाकर मामले की जानकारी ली। लेखपाल ने बताया कि अंश निर्धारण के दौरान गांव के कुछ लोगों द्वारा गलत सूचना दिए जाने से नाम हट गया। एसडीएम ने पीड़ित को आश्वस्त किया कि जल्द ही खतौनी की त्रुटि को सुधार दिया जाएगा और आगे किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी।

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