Unsafe Bridge UP: जिन पुलों से आप रोज गुजरते हैं, क्या वो सुरक्षित है? हाईकोर्ट से सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में शुक्रवार (20 जून 2025) को जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यूपी के 82 पुल ‘असुरक्षित’है। इसका मामला सामने आया है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 20 June 2025, 2:05 PM IST
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लखनऊ: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में शुक्रवार (20 जून 2025) को जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यूपी के 82 पुल ‘असुरक्षित’है। इसका मामला सामने आया है। न्यायमूर्ति एआर मसूदी और न्यायमूर्ति अजय कुमार श्रीवास्तव (प्रथम) की खंडपीठ ने यह सुनवाई की।

कहां और किसने उठाया मुद्दा?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार,   ऐसे में लखनऊ खंडपीठ में ज्ञानेन्द्र नाथ पांडेय और एक अन्य याची द्वारा दायर जनहित याचिका में प्रदेश भर के पुलों की स्ट्रक्चरल स्टडी कराकर कमजोर पुलों की पहचान कर उन पर उचित कदम उठाने की मांग की गई थी।

क्यों उठी यह याचिका?

याचिका में खास तौर पर 50 वर्ष या उससे अधिक पुराने पुलों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई गई थी। दावा किया गया कि इन पुलों की हालत खराब है और ये लोगों की जान के लिए खतरा बन सकते हैं। याची की मांग थी कि इनकी वैज्ञानिक जांच कराकर आवश्यक कार्यवाही की जाए।

कैसे सामने आई स्थिति?

राज्य सरकार की ओर से जवाब में बताया गया कि प्रदेश में कुल 2800 पुल हैं, जिनमें से 82 पुलों को हाल ही में कराई गई स्ट्रक्चरल स्टडी में “असुरक्षित” श्रेणी में पाया गया है। हालांकि सरकार ने कहा कि इन पुलों पर फिलहाल यातायात जारी है, लेकिन इनके स्थान पर वैकल्पिक व्यवस्था शीघ्र की जाएगी।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

न्यायालय ने राज्य सरकार से शपथपत्र दाखिल कर पूरी स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। साथ ही सभी 82 असुरक्षित पुलों की लोकेशन, उनकी उम्र और स्ट्रक्चरल स्टडी करने वाली विशेषज्ञ टीम का विवरण भी मांगा गया है। न्यायालय ने याचिका को दो सप्ताह बाद दोबारा सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है।

लोगों की जान के लिए खतरा

हाईकोर्ट में दाखिल जानकारी से साफ हो गया है कि उत्तर प्रदेश के कई पुल लोगों की जान के लिए खतरा बन चुके हैं। अब निगाहें इस पर टिकी हैं कि सरकार कितनी जल्दी वैकल्पिक पुलों का निर्माण शुरू करती है और इन 82 पुलों के बारे में जनता को जानकारी कितनी पारदर्शिता से दी जाती है। वही अब देखने वाली बात यह है कि आखिर यह मामला आगे क्या मोड़ लेता है। साथ ही आगे इस मामले में क्या एक्शन लिया जाता है।

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