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फतेहपुर के मकबरा-मंदिर विवादित स्थल पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा करने पहुंचीं महिलाओं को पुलिस ने रोका, जिसके बाद हंगामा हो गया। महिलाओं ने पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता और धमकी दी। पुलिस ने 21 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
फिर भड़का मकबरा-मंदिर विवाद
Fatehpur: कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर फतेहपुर जिले में एक बार फिर मकबरा-मंदिर विवादित स्थल को लेकर तनाव बढ़ गया। गुरुवार को कुछ महिलाएं जब पूजा-अर्चना करने विवादित स्थल की ओर बढ़ीं, तो मौके पर तैनात पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इसी दौरान महिलाओं और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी झड़प हो गई। पुलिस के मुताबिक, महिलाओं ने अभद्रता और गाली-गलौज की, जिसके बाद 21 अज्ञात महिलाओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।
घटना फतेहपुर के उस विवादित स्थल की है, जिसे लेकर मकबरा और मंदिर दोनों पक्ष अपने-अपने धार्मिक अधिकार का दावा करते हैं। यह मामला पहले से ही अदालत में लंबित है। इसके बावजूद, गुरुवार सुबह कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पप्पू सिंह चौहान की पत्नी के नेतृत्व में लगभग 20 महिलाएं और लड़कियां पूजा सामग्री लेकर स्थल की ओर बढ़ीं।
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पुलिस के रोकने पर महिलाएं भड़क गईं और ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों से बहस शुरू हो गई। पुलिस ने कई बार समझाने की कोशिश की कि यह स्थान कोर्ट के आदेश के तहत विवादित घोषित है और वहां कोई धार्मिक गतिविधि नहीं की जा सकती। लेकिन महिलाएं नहीं मानीं और पुलिसकर्मियों के साथ धक्का-मुक्की और अभद्रता करने लगीं। बताया जा रहा है कि महिलाओं ने गाली-गलौज और धमकी भरे शब्दों का भी इस्तेमाल किया।
पुलिस की बार-बार की अपील के बावजूद महिलाएं पीछे नहीं हटीं। उन्होंने जबरन अंदर घुसने का प्रयास किया और पुलिस पर दबाव बनाने की कोशिश की। कुछ महिलाओं ने पुलिसकर्मियों को झूठे मुकदमों में फंसाने की धमकी तक दे डाली। स्थिति बिगड़ती देख वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर बुलाया गया। काफी देर तक चली मशक्कत के बाद, आखिरकार महिलाओं ने विवादित स्थल के दूर खड़े होकर ही पूजा और आरती की।
घटना के तुरंत बाद फतेहपुर पुलिस ने कार्रवाई की। थाना प्रभारी ने पप्पू सिंह चौहान की पत्नी समेत 21 अज्ञात महिलाओं और युवतियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पुलिस ने यह केस भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 352, 121(1), और 351(2) के तहत दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि यह कार्रवाई कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए की गई है। थाना प्रभारी ने बताया कि किसी को भी कोर्ट में लंबित विवादित स्थल पर धार्मिक गतिविधि करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।