गोरखपुर में गैरइरादतन हत्या के तीन वांछित आरोपी गिरफ्तार, एससी और एसटी एक्ट में दर्ज मामला

गैरइरादतन हत्या और एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में फरार चल रहे तीन वांछित अभियुक्तों को बेलीपार पुलिस ने दबोच लिया है। पकड़े गए आरोपियों में आकाश कुमार, दिनेश कुमार और सुमीत गौड़ शामिल हैं।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 21 July 2025, 5:58 PM IST
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Gorakhpur:  गैरइरादतन हत्या और एससी/एसटी एक्ट के तहत फरार चल रहे तीन वांछित आरोपियों को बेलीपार पुलिस ने गिरफ्त में लिया है। गिरफ्तार आरोपियों में आकाश कुमार, दिनेश कुमार और सुमीत गौड़ शामिल हैं। इन्हें उनके गांव रूदाईन और कनईल से दबोचा गया। ये आरोपी एक युवक की पीट-पीटकर हत्या करने और उसके भतीजे को जान बचाने के लिए नदी में कूदने के कारण हुई घटना के आरोपित हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, 13 जुलाई 2025 को वादिनी के पुत्र और भतीजे बाइक से अपनी मौसी के घर जा रहे थे। इसी दौरान आरोपितों ने बाइक रोककर युवकों के साथ मारपीट शुरू कर दी। मारपीट से बचने के लिए वादिनी का भतीजा नदी में कूद गया, जिससे उसकी जान बच गई। हालांकि, वादिनी का बेटा नदी से बाहर नहीं निकल सका और उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद बेलीपार थाना में गैरइरादतन हत्या, मारपीट और एससी/एसटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया था।

पहले ही एक आरोपी को पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है। अब पुलिस ने शेष तीनों आरोपियों को भी दबोच लिया है।

गिरफ्तार आरोपी कौन हैं?

  • आकाश कुमार, पुत्र बालखण्डी, निवासी ग्राम रूदाईन उर्फ मझिगांवा, थाना बेलीपार
  • दिनेश कुमार, पुत्र रामप्रीत, निवासी ग्राम रूदाईन उर्फ मझिगांवा, थाना बेलीपार
  • सुमीत गौड़, पुत्र श्रीनिवास गौड़, निवासी ग्राम कनईल, थाना बेलीपार

इन आरोपियों पर मुकदमा संख्या 221/25 के तहत गैरइरादतन हत्या, मारपीट, एससी/एसटी एक्ट की विभिन्न धाराओं में केस दर्ज है।

पुलिस टीम की मेहनत रंग लाई

एसएसपी गोरखपुर के निर्देशन में अपराधियों की धरपकड़ के लिए चलाए जा रहे अभियान के तहत, पुलिस अधीक्षक दक्षिणी और क्षेत्राधिकारी बांसगांव के पर्यवेक्षण में थानाध्यक्ष बेलीपार और उप निरीक्षक कविन्द्रनाथ सिंह के नेतृत्व में कांस्टेबल बृजेश पाल, आकाश मौर्य और अजीत यादव ने संयुक्त दबिश देकर तीनों आरोपियों को गिरफ्तार किया। पुलिस ने बताया कि आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेजा जाएगा। यह कार्रवाई अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का संदेश देती है और स्थानीय लोगों में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने में मददगार साबित होगी।

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