

रायबरेली जनपद के सरेनी विकास खण्ड के गांव में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रायबरेली: जहां एक तरफ सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वच्छ भारत मिशन की मुहिम को लेकर लाखों करोड़ों रुपए का बजट पेश कर सख्त रुख अपनाते हुए स्वच्छता से संबंधित दिशा निर्देश जारी कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर विकासखंड सरेनी के अंतर्गत कोरवां गांव में बनी नालियों व्याप्त भारी गंदगी फैली है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार या सरेनी के कोरवां गांव में तैनात सफाई कर्मी का नदारत होना,ग्राम प्रधान एवं ग्राम विकास अधिकारी द्वारा गांव की सुध ना लेना, कहीं ना कहीं इस लापरवाही पर सवाल खड़ा कर रहा है।
इधर ग्रामीणों के दरवाजे के समीप बनी नाली में व्याप्त गंदगी आए दिन परेशानी का सबब बना रहता है। वहीं ग्रामीणों ने बताया कि नाली में व्याप्त गंदगी को हमें मजबूरन साफ करना पड़ता है क्योंकि दो-दो चार-चार महीने तक सफाई कर्मी का कोई भी अता पता नहीं रहता। बारिश के दिनों में तो गंदगी से जाम नाली का दूषित पानी दरवाजे से लेकर ध्वस्त मार्ग तक भरा रहता है। नाली के जाम रहने के चलते नाली के दूषित पानी का निकास नहीं हो पाता और जल भराव की समस्या बनी रहती है। बीते कई वर्षों से अभी तक इस समस्या से ग्रामीणों को नहीं मिल सकी निजात।
गांव के निवासी रन्नो देवी का कहना है कि यहां पर सफाई कर्मी लगभग चार-पांच महीना से नहीं आया है। कई बार शिकायत की गई लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। पहले वह आता भी था तो नाली साफ करके केवल गंदगी को बाहर कर देता था। जिससे आधा अधूरा काम ही होता था। गांव कोरवा के ही रहने वाले विवेक कुमार ने बताया कि सालों से यहां पर सफाई कर्मी नहीं आ रहा है। ग्राम प्रधान को जब इस समस्या के बारे में बताते हैं तो वह इसे गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। फिलहाल इस गंदगी से बीमारियां फैलने का खतरा बना हुआ है।
अब देखना यह है कि खबर प्रसारित होने के बाद गंदगी से जाम नाली की समस्या से ग्रामीणों को छुटकारा मिलता है या नहीं या फिर सफाई कर्मियों के लापरवाही का सिलसिला जारी रहेगा।