बलरामपुर में उर्वरक विक्रेताओं को लेकर दिए ये सख्त निर्देश, इस बड़ी लापरवाही पर होगी बिना नोटिस कार्रवाई

किसानों को सही दर पर खाद मुहैया कराने के उद्देश्य से बलरामपुर प्रशासन ने बड़ा और कड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने जिले में सभी उर्वरक विक्रेताओं को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर उर्वरक बेचा गया या किसी अन्य उत्पाद के साथ टैगिंग की गई, तो ऐसे मामलों में बिना किसी नोटिस के सीधी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 15 July 2025, 7:41 PM IST
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Balrampur:  किसानों को सही दर पर खाद मुहैया कराने के उद्देश्य से बलरामपुर प्रशासन ने बड़ा और कड़ा कदम उठाया है। जिलाधिकारी पवन अग्रवाल ने जिले में सभी उर्वरक विक्रेताओं को स्पष्ट चेतावनी दी है कि यदि निर्धारित दर से अधिक मूल्य पर उर्वरक बेचा गया या किसी अन्य उत्पाद के साथ टैगिंग की गई, तो ऐसे मामलों में बिना किसी नोटिस के सीधी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

यह जानकारी डाइनामाइट न्यूज़ को देते हुए उपनिदेशक कृषि श्याम नारायण राम ने बताया कि राज्य सरकार और जिलाधिकारी के निर्देशानुसार अब खाद वितरण की प्रक्रिया पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।

मुख्य सचिव की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हुआ निर्णय

उन्होंने बताया कि हाल ही में एक वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्य सचिव की अध्यक्षता में निर्देश जारी किए गए कि किसानों को उनकी कृषि भूमि और जोत के अनुसार उर्वरक उपलब्ध कराया जाए। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि उर्वरकों की बिक्री निर्धारित दरों पर ही हो, और उनके साथ अन्य उत्पादों की अनिवार्य खरीद (टैगिंग) न की जाए।

खुदरा और थोक विक्रेताओं को चेतावनी

जिले के सभी थोक और खुदरा उर्वरक विक्रेताओं को निर्देशित किया गया है कि वे किसी भी प्रकार की ओवररेटिंग या कालाबाजारी से बचें। यदि किसी विक्रेता द्वारा खाद की बिक्री में मनमानी पाई गई, तो उस पर उर्वरक (नियंत्रण) आदेश 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के तहत एफआईआर दर्ज की जाएगी।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस तरह की गतिविधि पाए जाने पर कोई पूर्व सूचना या नोटिस नहीं दिया जाएगा। ऐसे मामलों में संबंधित विक्रेता को पूरी तरह स्वयं जिम्मेदार माना जाएगा।

स्थलीय निरीक्षण की तैयारी तेज

प्रशासन ने बताया कि जिले में उर्वरक बिक्री केंद्रों पर स्थलीय निरीक्षण की प्रक्रिया को और सघन किया जा रहा है। जांच के दौरान यदि कोई विक्रेता निर्धारित मूल्य से अधिक पर उर्वरक बेचते या टैगिंग करते हुए पकड़ा गया, तो तुरंत कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

किसानों को मिलेगा लाभ

इस फैसले से किसानों को सही मूल्य पर खाद उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी और साथ ही उन्हें टैगिंग के नाम पर अनचाहे सामान खरीदने की मजबूरी से भी राहत मिलेगी।

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