

महराजगंज के कोल्हुई कस्बे में सार्वजनिक वॉशरूम ना होना सभी के लिए परेशानी का कारण बना हुआ है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
कोल्हुई कस्बा, महराजगंज
महराजगंज: कोल्हुई का मेन चौराहा, जो क्षेत्र का व्यस्ततम केंद्र है, वहां सार्वजनिक वॉशरूम की सुविधा का अभाव स्थानीय लोगों, खासकर महिलाओं, के लिए गंभीर समस्या बना हुआ है। इस व्यावसायिक और सामाजिक केंद्र पर रोजाना सैकड़ों लोग आते-जाते हैं, लेकिन बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ता है। विशेष रूप से महिलाओं को इस समस्या का सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि उनकी गोपनीयता और सुरक्षा से जुड़ा यह मुद्दा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार स्थानीय महिलाएं कहती हैं, "बाजार में खरीदारी के लिए आती हूं, लेकिन वॉशरूम न होने से बहुत परेशानी होती है। आसपास कोई सुरक्षित जगह नहीं मिलती।" अन्य महिलाएं भी बताती हैं कि उन्हें या तो निजी दुकानों पर निर्भर रहना पड़ता है या फिर असुरक्षित और अस्वच्छ स्थानों का सहारा लेना पड़ता है, जो स्वास्थ्य के लिए जोखिम भरा है। गर्भवती महिलाओं और बुजुर्ग के लिए यह स्थिति और भी कठिन है।
स्थानीय दुकानदारों विजय, दीपक, श्रीराम जायसवाल, अरशद का कहना है कि वॉशरूम की कमी के कारण ग्राहकों की संख्या पर भी असर पड़ता है। एक स्थानीय दुकानदार, कहते हैं, "कई बार ग्राहक शिकायत करते हैं, लेकिन हम क्या करें? यह प्रशासन की जिम्मेदारी है।"
जनप्रतिनिधियों का ध्यान नहीं
दुखद बात यह है कि इस समस्या की ओर जनप्रतिनिधियों का कोई ध्यान नहीं है। स्थानीय लोग बताते हैं कि कई बार ग्राम पंचायत और जिला प्रशासन के सामने ये बात लाई गई, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
स्वच्छ भारत मिशन से अछूता कोल्हुई कस्बा
"जब स्वच्छ भारत मिशन की बात होती है, तो कोल्हुई और अन्य कस्बों को क्यों भूल जाते हैं?" यह समस्या न केवल कोल्हुई की है, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में ऐसी स्थिति आम है। वहीं कुछ लोगों का मानना है कि सार्वजनिक शौचालयों की स्थापना और रखरखाव के लिए स्थानीय प्रशासन को ठोस नीति बनानी चाहिए।
लोगों ने की वॉशरूम बनाने की मांग
कोल्हुई के लोगों की मांग है कि मेन चौराहे पर कम से कम एक स्वच्छ और सुरक्षित वॉशरूम बनाया जाए। यह न केवल महिलाओं की परेशानी को कम करेगा, बल्कि क्षेत्र की छवि भी सुधरेगी।