

महराजगंज के फरेंदा क्षेत्र में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी होने का मामला सामने आया है। ये फर्जी दस्तावेज न तो फरेंदा ब्लॉक के आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज हैं और न ही नगर पंचायत कार्यालय से संबंधित हैं। इस संदिग्ध प्रकरण ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर ये प्रमाण पत्र कहां और कैसे बने?
थाना फरेंदा (सोर्स-गूगल)
Mahrajganj: महराजगंज के फरेंदा क्षेत्र में फर्जीवाड़े का एक गंभीर मामला सामने आया है, जहा फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी होने की बात सामने आई है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि ये प्रमाण पत्र न तो फरेंदा ब्लॉक के रिकॉर्ड में दर्ज हैं और न ही नगर पंचायत कार्यालय से इनका कोई लेना-देना है। ऐसे में यह सवाल उठना लाज़मी है कि आखिर ये प्रमाण पत्र बने तो कहां और कैसे? क्या यह फर्जीवाड़ा कुछ प्राइवेट कंप्यूटर सेंटरों, जन सेवा केंद्रों या दलालों के माध्यम से अंजाम दिया गया। जन्म प्रमाण पत्र जैसे सरकारी दस्तावेजों को फर्जी तरीके से तैयार कैसे किया गया?
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस मामले के सामने आते ही प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों ने बताया कि जिन प्रमाण पत्रों को संदेहास्पद माना गया है, उनकी ऑनलाइन पोर्टल और संबंधित रिकॉर्ड से क्रॉस-वेरिफिकेशन किया जा रहा है।
केंद्रों की हो रही पहचान
इसके साथ ही उन केंद्रों की पहचान की जा रही है, जहां से ये प्रमाण पत्र जारी किए गए। स्थानीय नागरिकों में इस पूरे घटनाक्रम को लेकर रोष देखा जा रहा है। उनका कहना है कि अगर समय रहते इस तरह के फर्जी दस्तावेजों पर रोक नहीं लगी, तो इससे शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सरकारी सेवाओं में बड़े पैमाने पर अनियमितता फैल सकती है। कुछ लोगों ने आशंका जताई है कि इन दस्तावेजों के माध्यम से कई लोगों ने सरकारी योजनाओं का अनुचित लाभ भी उठाया होगा।
आखिरकार ये प्रमाण पत्र किसने बनाए, किसके सहयोग से बने और इनके पीछे कौन लोग हैं? जल्द ही दोषियों पर सख्त कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल प्रशासन अलर्ट मोड में है और जन्म प्रमाण पत्र की गंभीरता से जांच की जा रही है। इस बीच फरेंदा क्षेत्र में चर्चा है कि आखिर फर्जी प्रमाण पत्र कैसे बन गए और क्या इससे पहले भी ऐसा कोई मामला दबा रह गया?
क्या बोले SDM फरेंदा?
इस मामले में SDM फरेंदा विजय यादव ने बताया कि फरेंदा तहसील से कोई फर्जी जन्म प्रमाण पत्र नहीं जारी किया गया है। इस मामले में BDO फरेंदा अतुल कुमार त्रिवेदी ने बताया कि फरेंदा ब्लॉक में गनेशपुर नहीं आता है और न ही कोई फर्जी जन्म प्रमाण पत्र ब्लॉक से जारी किया गया है। इसके अलावा, ईओ फरेंदा अनुज भारती ने बताया कि नगर पंचायत से कोई फर्जी जन्म प्रमाण पत्र जारी नहीं किया गया है।