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बुलंदशहर के चर्चित वाहिद हत्याकांड में आज फैसला सुनाया जाएगा। 2012 में इस हत्या के बाद गद्दी और कुरैशी समाज के बीच गैंगवार शुरू हो गया था, जिसने बुलंदशहर पुलिस को लंबे समय तक परेशानी में डाला था।
बुलंदशहर जिला न्यायालय
Bulandshahr: बुलंदशहर के वाहिद हत्याकांड पर आज दोपहर करीब 3:30 बजे फैसला सुनाया जाएगा। अगस्त 2012 में शुरू हुआ यह गैंगवार पूरे जिले में खौफ का माहौल बना चुका था। वाहिद गाजी की हत्या के बाद शुरू हुआ गद्दी और कुरैशी समाज के बीच खूनी संघर्ष ने बुलंदशहर पुलिस को लंबे समय तक सिरदर्द बना दिया था। अब लगभग 13 वर्षों बाद आज इस मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा फैसला सुनाया जाएगा।
वाहिद हत्याकांड का पूरा मामला
अगस्त 2012 में बुलंदशहर के मोहल्ला रुक्नसराय निवासी वाहिद गाजी का विवाद कुरैशी समाज के कुछ लोगों के साथ हुआ था। यह विवाद वाहिद की बाइक फिसलने के बाद हुआ था, लेकिन इसके बाद स्थिति इतनी बिगड़ गई कि कुरैशी समाज के लोगों ने वाहिद गाजी को गोलियों से भूनकर मार डाला। इस घटना में मीना पत्नी नसरू और राशिद पुत्र नसरू भी गोली लगने से घायल हुए थे।
काफी समय बाद हुआ था मामला शांत
वाहिद की हत्या ने बुलंदशहर में तनाव की स्थिति पैदा कर दी थी, जिसके बाद अंसारी रोड और कई बाजारों की दुकानों के शटर गिराने पड़े थे। शहर के कई इलाकों में भारी पुलिस बल और पीएसी (प्रशासनिक पुलिस बल) को तैनात करना पड़ा। इस घटना के बाद कई दिनों तक तनाव की स्थिति बनी रही, लेकिन अंततः पुलिस की कड़ी कार्रवाई के बाद मामला शांत हुआ।
हत्याकांड के आरोपियों की सूची
वाहिद हत्याकांड में पुलिस ने 15 आरोपियों को नामजद किया था। इनमें से प्रमुख आरोपी थे, इन सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
गद्दी समाज का बदला
वाहिद की हत्या के बाद गद्दी समाज के लोगों में गुस्सा था और उन्होंने बदला लेने की योजना बनाई। इसके परिणामस्वरूप, गद्दी समाज के लोगों ने हामिद पुत्र हाजी इशार को गोली मारकर हत्या कर दी। हामिद उस समय अपनी दुकान पर बैठा हुआ था। हामिद की हत्या ने दोनों समाजों के बीच संघर्ष को और बढ़ा दिया। दोनों पक्षों के बीच खूनी संघर्ष जारी रहा, और बदले की भावना से घटनाएं लगातार बढ़ती गईं।
हामिद हत्याकांड में सजा
इस खूनी संघर्ष के एक और कड़े मोड़ के रूप में हामिद की हत्या के आरोपियों के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में माजिद, बक्शा, इश्तकार, नवेद, राशिद, मुल्ला फारूक, तौसीफ और मुल्ला जमील को नामजद किया गया था। करीब एक साल पहले जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने आरोपियों को सजा सुनाई थी और अब हत्याकांड से जुड़े अन्य मामलों का भी आज फैसला आ सकता है।