

फरेंदा थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है । जहाँ छेड़खानी जैसे गंभीर मामले को पुलिस ने हल्के में लेते हुए सिर्फ मारपीट का मामला दर्ज किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
फरेंदा थाना क्षेत्र
फरेंदा: फरेंदा थाना क्षेत्र में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है । जहाँ छेड़खानी जैसे गंभीर मामले को पुलिस ने हल्के में लेते हुए सिर्फ मारपीट का मामला दर्ज किया। पीड़ित पक्ष का आरोप है कि मेरे साथ हुई छेड़खानी की शिकायत लेकर जब थाने पहुँचे,तो पुलिस ने मामला दर्ज तो किया लेकिन छेड़खानी की धारा जोड़ने के बजाय सामान्य मारपीट की धारा में केस दर्ज कर दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, दिए गए तहरीर में पीड़ित ने लिखा है कि हम प्रार्थिनी बीते एक जून को अपने पति व भाई के साथ मोटरसाइकिल से अपने घर मधवापुर से टिकरियां शादी में जा रही थी कि जब हम लोग करहियां पहुँचे तो पीछे से आ रही बोलोरो संख्या-UP 56 AC 8819 में बैठे आदित्य शर्मा,अनुज,अनीश,राज व अन्य अज्ञात व्यक्ति मेरा पीछा करते हुए आपत्तिजनक शब्द का प्रयोग करते हुए छेड़ते हुए पीछे पीछे आ रहे थे कि जब हम लोग फरेन्दा बाईपास ओवर ब्रिज के पास पहुँचे तो मेरी साड़ी खीचने लगे तब मेरे पति द्वारा अपनी मोटरसाइकिल रोक दिया।
उक्त सभी लोग बोलोरो से उतरकर मेरे छेड़खानी करने लगे मेरे पति तथा मेरा भाई जब छोडाने आये तो उक्त सभी लोग हाथ के पंच से मेरे पति व मेरे भाई के सिर व शरीर में प्रहार कर दिये जिससे वह लहूलुहान होकर गिर गये तथा जान से मारने की धमकी देते हुए चले गये। प्रार्थिनी उसी समय स्थानीय थाना-फरेन्दा पर शिकायत करने गयी तो स्थानीय थाने के पुलिस द्वारा प्रार्थिनी के पति से सादा पेपर पर दस्तखत कराकर दवा ईलाज हेतु बनकटी हास्पिटल के लिए भेज दिया तब से प्रार्थिनी स्थानीय थाने पर कई बार चक्कर काट रही है लेकिन स्थानीय पुलिस द्वारा न तो अभियुक्त को गिरफ्तार किया जा रहा है,न ही कोई कार्यवाही की जा रही है।
स्थानीय लोगों में इस कार्रवाई को लेकर रोष है। उनका कहना है कि पुलिस यदि ऐसे मामलों में गंभीरता नहीं दिखाएगी तो अपराधियों के हौसले और बढ़ेंगे। वहीं पीड़िता के परिजनों का कहना है कि उन्हें न्याय नहीं मिलने तक वे थाने का चक्कर लगाते रहेंगे और उच्च अधिकारियों के पास जाकर न्याय की गुहार लगाएंगे।
इस पूरे मामले में फरेंदा पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। अब देखना यह होगा कि उच्चाधिकारी इस मामले पर क्या कार्रवाई करते हैं।