गोरखपुर में मच्छरों का आतंक: छिड़काव न होने से ग्रामीणों में आक्रोश, जानलेवा बीमारियों का मंडरा रहा खतरा

गोरखपुर जिले के खजनी ब्लॉक की ग्राम सभाओं में मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा गंभीर हो गया है। बारिश के मौसम में नियमित छिड़काव और सफाई न होने के कारण मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। ग्रामीण इस समस्या को लेकर प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

Gorakhpur: गोरखपुर जिले के खजनी ब्लॉक क्षेत्र की ग्राम सभाओं में मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। बारिश के मौसम में नियमित छिड़काव न होने से मच्छरों की संख्या बेकाबू हो रही है, जिससे डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। ग्राम सभा खुटभार के बरीबन्दुआरी निवासी अनिल त्रिपाठी ने बताया कि उनके गांव में न तो सचिव और न ही सफाई कर्मी कभी नजर आते हैं।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ब्लॉक मुख्यालय से सटा होने और खजनी कस्बे का आधा हिस्सा इसी ग्राम सभा में होने के बावजूद छिड़काव की कोई व्यवस्था नहीं है। चौराहों पर बिखरी गंदगी और जमा पानी मच्छरों के लिए प्रजनन स्थल बन रहे हैं, जिससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश है।

जमा पानी से होती हैं समस्याएं

दरअसल, बारिश के मौसम में जमा पानी मच्छरों के लिए आदर्श प्रजनन स्थल बन जाता है। नालियों और सड़कों पर गंदगी का अंबार और सफाई की कमी ने स्थिति को और गंभीर कर दिया है। अनिल त्रिपाठी ने शिकायत की कि ग्राम सभा में न तो सफाई कर्मी नियमित आते हैं और न ही मच्छर नियंत्रण के लिए कोई कदम उठाया जाता है। इससे न केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं, बल्कि बच्चों और बुजुर्गों पर इसका सबसे बुरा प्रभाव पड़ रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि गंदगी और मच्छरों के कारण बदबू और बीमारियों का डर बना रहता है।

क्षेत्र में चरमराई व्यवस्था

ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी है कि वे स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं को लागू करें, लेकिन खजनी क्षेत्र में यह व्यवस्था पूरी तरह चरमराई हुई है। ग्रामीणों ने बताया कि कई बार शिकायत करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई। एडीओ पंचायत से वार्ता का प्रयास भी नाकाम रहा, जिससे ग्रामीणों का गुस्सा और बढ़ गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, नियमित छिड़काव, नालियों की सफाई और जमा पानी को हटाने जैसे कदम मच्छरों को नियंत्रित करने में कारगर हो सकते हैं।

ग्रामीणों ने प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। वे चाहते हैं कि नियमित छिड़काव, कूड़ेदान की व्यवस्था और सफाई कर्मियों की सक्रियता सुनिश्चित की जाए। अगर जल्द ही कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, तो ग्रामीण आंदोलन की चेतावनी दे रहे हैं। यह स्थिति न केवल खजनी बल्कि पूरे जिले के लिए चेतावनी है कि स्वास्थ्य और स्वच्छता को प्राथमिकता देना अब अनिवार्य हो गया है।

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