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शिक्षकों ने सीएम के नाम डीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने ऑनलाइन हाजिरी और बीएलओ ड्यूटी के आदेशों का विरोध किया। शिक्षक संघ ने इन आदेशों को अव्यावहारिक और शिक्षण कार्य में बाधा डालने वाला बताया। वे सरकार से तत्काल सुधार की अपील की।
मैनपुरी में शिक्षकों का प्रदर्शन
Mainpuri: उत्तर प्रदेशीय माध्यमिक शिक्षक संघ के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने आज मैनपुरी में जिलाधिकारी कार्यालय पर एक बड़ा प्रदर्शन किया। इस दौरान शिक्षकों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में उन्होंने राज्य सरकार द्वारा दिए गए कुछ आदेशों का विरोध किया, जिसमें छात्र-छात्राओं की ऑनलाइन हाजिरी लगाने के आदेश शामिल थे। शिक्षक संघ ने इसे अव्यावहारिक और शिक्षण कार्य में रुकावट डालने वाला कदम बताया है।
ज्ञापन में शिक्षकों ने कहा कि कुछ महीने पहले विभागीय अधिकारियों ने छात्रों की ऑनलाइन हाजिरी लगाने का आदेश दिया था, जिसे वे पूरी तरह से अनुचित मानते हैं। शिक्षकों का कहना था कि इस आदेश ने शिक्षण कार्य को प्रभावित किया है और उन्हें इसके कारण कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने यह भी मांग की कि इस आदेश को तुरंत वापस लिया जाए, ताकि शिक्षकों को छात्रों को बेहतर तरीके से पढ़ाने का अवसर मिल सके।
शिक्षक संघ के नेताओं ने एक और गंभीर मुद्दा उठाया, जिसमें सरकारी आदेशों के तहत शिक्षक बीएलओ (बूथ लेवल अफसर) के रूप में चुनावी ड्यूटी पर लगाए जाते हैं। उनका कहना था कि 36 से अधिक विभागों के कर्मचारियों को चुनावी ड्यूटी के लिए नियुक्त किया गया था, लेकिन शिक्षक ही इस जिम्मेदारी को निभाने पर मजबूर हैं। इस वजह से बच्चों को पढ़ाने में उन्हें भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। शिक्षकों का कहना था कि चुनावी ड्यूटी में संलिप्त होने से उनकी पढ़ाई की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।
शिक्षक संघ के जिला महामंत्री एमपी सिंह ने कहा कि पिछले छह महीनों से शिक्षक मानसिक रूप से परेशान हैं। कभी स्कूलों के समायोजन के नाम पर, कभी स्कूलों के मर्जर के कारण, तो कभी टीईटी (टीचर एंट्रेंस टेस्ट) की अनिवार्यता के चलते शिक्षकों को मानसिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। एमपी सिंह का कहना था, "जब शिक्षक खुद मानसिक रूप से परेशान होंगे, तो वह स्कूलों में आकर छात्रों को कैसे अच्छे से पढ़ा पाएंगे?"
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शिक्षकों ने प्रदर्शन करते हुए जिला अधिकारी से इस मुद्दे को मुख्यमंत्री तक पहुंचाने की मांग की। उनका कहना था कि यदि शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं किया गया, तो वे आने वाले समय में और बड़े विरोध प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि शिक्षक समाज का अहम हिस्सा हैं और यदि उन्हें मानसिक तनाव और कामकाजी अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है, तो इसका असर छात्रों पर पड़ेगा।