सोनभद्र में बच्चों के लिए आयोजित हुआ समर कैंप, इस्टेम शिक्षा देकर विकसित की वैज्ञानिक सोच

सोनभद्र में यंग टिन्कर फाउंडेशन और बनवासी सेवा आश्रम के सहयोग से जुगैल में समर कैंप का आयोजन हुआ। पूरी खबर के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़

Post Published By: Tanya Chand
Updated : 15 June 2025, 5:41 PM IST
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सोनभद्र: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां चोपन ब्लाक के आदिवासी क्षेत्र कहां जाने वाला ग्राम पंचायत जुगैल में यंग टिन्कर फाउंडेशन द्वारा जुगैल में समर कैंप के दौरान बच्चों को इस्टेम (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथमेटिक्स), शिक्षा देकर बच्चों में वैज्ञानिक सोच विकसित किया गया।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के अनुसार ग्राम पंचायत जुगैल कैंप में कक्षा 6 से 12 तक के कुल 60 बच्चों ने यंग टिन्कर फाउंडेशन और बनवासी सेवा आश्रम के सहयोग से भाग लिया और ए आई मोवेबल लैब के माध्यम से शिक्षा प्राप्त की। जिसमें बच्चों ने वनडे व्हाट्सएप में अपने कार्यों को पद्धति के जरिए कैसे बेहतरीन ढंग से कर सकते हैं उसके बारे में जाना और साथ ही आर.आर‌‌.आर कॉन्सेप्ट को समझा।

बच्चों ने सीखी ये चीज
बता दें कि साथी बच्चों ने रॉकेट उड़ाने के नियम को समझा और अपने हाथों से राकेट लॉन्च भी किया। इसके अलावा बच्चों ने थिंक आउट द बॉक्स टैक्स कंप्लीट किया। यह वन डे क्लास 1 बजकर 30 मिनट से शुरू हुई, जो बच्चों को भी काफी पसंद आई।

कार्यक्रम में शामिल हुए ये लोग
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बच्चों ने जो भी सीख उन्होंने अपने जीवन में अपने का संकल्प लिया। इस कार्यक्रम के भीमुख्य रूप से उमेश कुमार चौबे शाखा प्रबंधक और पीआरबी अमृतलाल संदीप कुमार रामपति ग्राम पंचायत की तरफ से पूनम कुमारी सम्मिलित रही।

इस्टेम शिक्षा क्या होती है ?
इस्टेम शिक्षा को विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित की शिक्षा कहते हैं। यह एक ऐसी पद्धति है जिसमें इन चारों विषयों पर विशेष जोर दिया जाता है ताकि छात्रों को नवाचारी और रचनात्मक सोच की क्षमता विकसित करने में मदद मिल सके।

इस्टेम शिक्षा का महत्व
इस्टेम शिक्षा बच्चों में वैज्ञानिक सोच और समस्या-समाधान कौशल विकसित करने में मदद करती है। इससे उन्हें भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में करियर बनाने में मदद मिल सकती है।

सोनभद्र के जुगैल में आयोजित समर कैंप में बच्चों को इस्टेम शिक्षा प्रदान की गई, जिससे उन्हें नए कौशल सीखने और वैज्ञानिक सोच विकसित करने में मदद मिली। इस तरह के कार्यक्रम बच्चों के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

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