

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने शुक्रवार शाम को यूनिवर्सिटी कैंपस में नगर निगम द्वारा भमोला इलाके में जमकर प्रदर्शन किया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
छात्रों ने किया प्रदर्शन
अलीगढ़: उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के छात्रों ने शुक्रवार शाम को यूनिवर्सिटी कैंपस में नगर निगम द्वारा भमोला इलाके में 1.26 अरब रुपये की जमीन पर अपना अधिकार जताने वाले बोर्ड लगाने के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। शाम 6:30 बजे शुरू हुए इस विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों छात्रों ने हिस्सा लिया और डक प्वाइंट से लेकर बाबे सैयद गेट तक मार्च निकाला और प्रशासन और यूनिवर्सिटी के कुलपति (वीसी) के खिलाफ नारेबाजी की।
कार्यवाही पूरी तरह से अवैध
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि भमोला में जिस जमीन पर नगर निगम ने हाल ही में बोर्ड लगाया है, वह एएमयू की है और सालों से यूनिवर्सिटी की संपत्ति के तौर पर दर्ज है। छात्रों का आरोप है कि नगर निगम ने बिना किसी कानूनी नोटिस या प्रक्रिया के इस जमीन पर कब्जा कर लिया और इस पर बोर्ड लगाकर यह दिखाने की कोशिश की कि यह जमीन उनकी है। छात्रों का दावा है कि यह कार्रवाई पूरी तरह से अवैध और एक सोची समझी साजिश का हिस्सा है।
छात्र समुदाय में बढ़ता आक्रोश
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने "वीसी मुर्दाबाद" और "नगर निगम होश में आओ" जैसे नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस गंभीर मुद्दे पर चुप है, जिससे छात्र समुदाय में रोष बढ़ता जा रहा है। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन से इस मुद्दे पर स्पष्ट रुख अपनाने और नगर निगम की कार्रवाई को कानूनी तौर पर चुनौती देने की मांग की है। आपको बता दें कि बुधवार को नगर निगम की टीम भमोला पहुंची थी और वहां बोर्ड लगाकर जमीन को नगर निगम की संपत्ति घोषित कर दिया था। इसके बाद से ही एएमयू छात्रों में असंतोष फैल गया था, जो शुक्रवार को बड़े विरोध प्रदर्शन के रूप में सामने आया।
विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस उठाये
छात्रों ने यह भी कहा कि अगर जल्द ही इस मुद्दे का समाधान नहीं हुआ और विश्वविद्यालय प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता है तो आंदोलन को और व्यापक बनाया जाएगा। प्रदर्शनकारी छात्रों ने कहा कि वे विश्वविद्यालय की संपत्ति की रक्षा के लिए आखिरी सांस तक संघर्ष करेंगे।
कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया
उधर, इस विवाद पर नगर निगम की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि स्थानीय सूत्रों का कहना है कि नगर निगम इस जमीन को अपने रिकॉर्ड में दर्ज होने का दावा कर रहा है और उसी आधार पर कार्रवाई की गई है। इस जमीन पर कब्जे और दावे को लेकर अब मामला बढ़ गया है और आने वाले दिनों में यह विवाद और गहराने की संभावना है।