

यूपी के संभल में आवारा गोवंशीय पशुओं ने किसानों की फसलें बर्बाद कर दी हैं। किसान रात-रात भर खेतों की रखवाली कर रहे हैं, लेकिन मवेशियों की संख्या इतनी अधिक है कि वे बेबस हो गए हैं।
गोवंशीय पशुओं के कहर
Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल जनपद के पवांसा विकासखंड अंतर्गत लखनपुर गांव के किसानों की फसलें इन दिनों आवारा गोवंशीय पशुओं के कहर का सामना कर रही हैं। धान और बाजरा जैसी प्रमुख फसलें पकने की स्थिति में हैं, लेकिन गांव के खेतों में खुलेआम घूमते गोवंशीय पशु रातों-रात पूरी की पूरी फसल चट कर जा रहे हैं। खेतों की इस तबाही ने किसानों की नींद छीन ली है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, लखनपुर के साथ-साथ आस-पास के कई गांवों के किसान इस समस्या से जूझ रहे हैं। किसानों के सामने यह दोहरी चुनौती बन गई है - खेत बचाएं या मवेशियों को भगाएं। परेशानहाल किसान अब सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं। वे खेतों से लाइव वीडियो बना कर फेसबुक, व्हाट्सएप और एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट कर रहे हैं, जिनमें साफ दिखाई देता है कि कैसे झुंड के झुंड मवेशी खेतों में घुसकर तैयार फसलें बर्बाद कर रहे हैं।
रात-रात भर खेतों की रखवाली
किसानों का कहना है कि वे दिन-रात खेतों में निगरानी कर रहे हैं। कई किसान रातभर जागकर मवेशियों को भगाने की कोशिश करते हैं, लेकिन मवेशियों की संख्या इतनी अधिक है कि सभी को रोकना असंभव हो गया है। यह स्थिति अब किसानों के लिए आर्थिक संकट का कारण बनती जा रही है।
प्रशासन तक कई बार पहुंचाई गुहार, मगर नतीजा शून्य
किसानों ने बताया कि उन्होंने ग्राम प्रधान, तहसीलदार, और खंड विकास अधिकारी तक से संपर्क किया। आईजीआरएस पोर्टल पर भी कई बार शिकायतें दर्ज की गईं, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। न तो पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में भेजा गया और न ही किसी प्रकार की मुआवजा या राहत की घोषणा की गई है।
एक किसान ने आक्रोशित होकर बताया
"हमने प्रशासन को कई बार लिखा, फोन किए, यहां तक कि IGRS पर ऑनलाइन शिकायतें भी कीं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब सोशल मीडिया पर वीडियो डालकर सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने की कोशिश कर रहे हैं।"
खेतों से वायरल हो रहे वीडियो, सिस्टम पर सवाल
कई किसानों ने खेतों में हो रही बर्बादी का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल किया है। इन वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे मवेशी खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन वीडियो के माध्यम से किसान सरकार और प्रशासन से मदद की अपील कर रहे हैं।
जवाब देने से बच रहे अधिकारी
इस मामले में जब खंड विकास अधिकारी अमरजीत सिंह से संपर्क किया गया, तो उन्होंने फोन ही स्विच ऑफ कर लिया। अधिकारियों की चुप्पी और उदासीनता से किसानों में रोष है।
आवारा गोवंश पर नियंत्रण के लिए नीति की मांग
किसानों की यह भी मांग है कि सरकार आवारा पशुओं की समस्या पर कोई सख्त और स्थायी नीति बनाए, ताकि फसलें बर्बाद होने से बचाई जा सकें। उनका कहना है कि जब तक गोवंशीय पशुओं को नियंत्रित नहीं किया जाएगा, तब तक किसान सुरक्षित खेती नहीं कर पाएंगे।
लखनपुर गांव के किसान आज आर्थिक नुकसान, मानसिक तनाव और प्रशासनिक उपेक्षा के त्रिकोण में फंसे हुए हैं। खेतों से आ रही उनकी आवाजें अब इंटरनेट के माध्यम से पूरे प्रदेश में गूंज रही हैं। जरूरत इस बात की है कि प्रशासन जागे, जमीनी कार्रवाई करे और किसानों की पीड़ा को हल्के में न ले।