

समाजवादी पार्टी ने बस्ती में स्कूल मर्ज के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचकर डीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें स्कूल बंद करने को बच्चों के भविष्य और संवैधानिक अधिकारों पर हमला बताया।
स्कूल मर्ज के खिलाफ सपा का प्रदर्शन
Basti News: बस्ती जिले में समाजवादी पार्टी ने शिक्षा के क्षेत्र में सरकार के ताजा फैसले के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। स्कूल मर्ज करने की नीति को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने इस नीति को बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ और शिक्षा के संवैधानिक अधिकारों का हनन करार दिया। समाजवादी पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर सड़कों पर उतरकर सरकार की नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की और शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया।
डीएम को सौंपा ज्ञापन
प्रदर्शन के दौरान सपा नेताओं ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने स्कूल मर्ज करने के फैसले को तुरंत वापस लेने की मांग की। ज्ञापन में कहा गया कि स्कूलों को बंद करना न केवल शिक्षा के अधिकार अधिनियम का उल्लंघन है, बल्कि यह समाज के अंतिम व्यक्ति तक शिक्षा पहुंचाने के संवैधानिक वादे को भी तोड़ता है। सपा नेताओं ने तर्क दिया कि स्कूलों की स्थापना छात्र संख्या के आधार पर नहीं, बल्कि हर बच्चे को शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित करने के लिए की गई थी। उन्होंने कहा कि स्कूल बंद करने का फैसला सरकार की निजीकरण को बढ़ावा देने की मंशा को उजागर करता है।
सपाईयों ने लगाया ये आरोप
सपा कार्यकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार के इशारे पर अधिकारी शिक्षकों और ग्राम प्रधानों पर स्कूल बंद करने के लिए दबाव बना रहे हैं। उन्होंने मांग की कि शिक्षकों को गैर-शैक्षणिक कार्यों में न लगाया जाए, ताकि वे पूरी तरह से बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दे सकें। प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर सरकार ने यह नीति वापस नहीं ली, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
अभिभावकों ने किया समर्थन
सपा के इस प्रदर्शन ने स्थानीय लोगों में भी शिक्षा के भविष्य को लेकर चिंता पैदा कर दी है। कई अभिभावकों ने सपा के इस कदम का समर्थन किया और कहा कि स्कूलों का मर्जर ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों की पढ़ाई को और मुश्किल बना देगा। समाजवादी पार्टी ने इस मुद्दे को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प लिया है और इसे एक बड़े आंदोलन का रूप देने की तैयारी में है।