

यूपी के सोनभद्र जनपद में ग्रामीणों ने मानक के विपरीत हो रहे सड़क व गॉर्डवाल निर्माण मामले में ठेकेदार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
सड़क निर्माण में भारी अनियमितता, ग्रामीणों का प्रदर्शन
सोनभद्र: जनपद के विकास खंड कोन के अंतर्गत कचनरवा से बागेसोती झारखंड बॉर्डर तक सड़क, गॉर्डवाल और पुलिया के निर्माण कार्य में भारी अनियमितता सामने आई है। इसको लेकर क्षुब्ध ग्रामीणों ने बागेसोती घाट पर निर्माणदायी कंपनी और ठेकेदार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि निर्माण कार्य में मानकों की खुलकर अनदेखी की जा रही है, जिसे क्षेत्रवासी अब और सहन नहीं करेंगे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ग्रामीणों ने बताया कि कचनरवा से बागेसोती रोड के दोहरीकरण का कार्य चल रहा है लेकिन न तो सड़क पर पानी डालकर सही तरीके से कुटाई की जा रही है और न ही मानक के अनुरूप गिट्टी डाली जा रही है। निर्माण कार्य अधूरा छोड़ देने के कारण रास्ता पूरी तरह से उबड़-खाबड़ हो गया है, जिससे बाइक सवारों को चलने में खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। गॉर्डवाल और पुलिया निर्माण में भी जमकर लापरवाही बरती जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि निर्माण में बालू की जगह भस्सी का इस्तेमाल हो रहा है और जोड़ाई में घटिया मसाले का प्रयोग किया जा रहा है।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामअवध ने जानकारी दी कि कुछ दिन पूर्व ही संबंधित कर्मचारियों को कार्य मानक के अनुरूप कराने की हिदायत दी गई थी, लेकिन फिर भी अनदेखी जारी है। उनका कहना है कि गॉर्डवाल में अभी से जगह-जगह क्रेक पड़ गए हैं और जुड़ाई का कार्य बेहद घटिया स्तर का है।
प्रदर्शन करते ग्रामीण
प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि कचनरवा में लगभग 300 मीटर सड़क अतिक्रमण की भेंट चढ़ गई है, लेकिन अब तक प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों ने जिला प्रशासन और संबंधित विभाग से निर्माण कार्य को गुणवत्तापरक कराने की मांग की है।
स्थानीय मुंशी रामकेश शर्मा ने मौके पर स्वीकार किया कि निर्माण में कुछ खामियां हुई हैं और उन्हें सुधारा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बालू के स्थान पर भस्सी के प्रयोग की जानकारी उन्हें ठेकेदार द्वारा दी गई थी, जिसमें आधा बालू और आधा भस्सी मिलाने की बात कही गई थी।
इस पूरे मामले में अब देखना दिलचस्प होगा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति कितनी कारगर सिद्ध होती है।