

यूपी के सोनभद्र जनपद से एक दर्दनाक खबर सामने आ रही है, जहां गर्म छोले के बर्तन में गिरने से डेढ़ साल की मासूम ने दम तोड़ दिया। पढे़ं डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
गर्म छोले के बर्तन में गिरकर झुलसी मासूम
सोनभद्र: जनपद के दुद्धी कोतवाली क्षेत्र से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया है। झांसी निवासी शैलेंद्र की डेढ़ साल की मासूम बेटी प्रिया घर के आंगन में खेलते-खेलते उस समय हादसे का शिकार हो गई, जब वह गर्म छोले के एक बड़े बर्तन में गिर पड़ी। यह हादसा उस वक्त हुआ जब घर में दोपहर के भोजन की तैयारी चल रही थी और छोले का गर्म बर्तन नीचे रखा गया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बच्ची की चीख सुनकर परिजन दौड़कर आए तो देखा कि उसका शरीर गंभीर रूप से झुलस चुका था। आनन-फानन में बच्ची को लेकर परिवार दुद्धी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, जहां डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के दौरान बताया कि बच्ची करीब 80 प्रतिशत तक झुलस चुकी है। उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे तत्काल जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
जिला अस्पताल पहुंचते ही डॉक्टरों की टीम ने बच्ची को बचाने की हरसंभव कोशिश की। कई घंटे तक चले इलाज के बाद भी उसकी हालत में सुधार नहीं आया। शरीर के अधिकांश हिस्से बुरी तरह जल चुके थे और दर्द से कराहती मासूम आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। अस्पताल में उसकी चीखों और तकलीफ ने वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम कर दीं।
बेटी की मौत की खबर जब परिजनों को मिली, तो पूरे घर में कोहराम मच गया। मां सदमे में बार-बार बेहोश हो रही थी और पिता शैलेंद्र का रो-रोकर बुरा हाल था। यह हादसा उनके लिए सिर्फ एक संयोग नहीं, बल्कि दो साल पुराने जख्मों को भी ताजा करने वाला था।
रोती-बिलखती मां, परिवार में पसरा मातम
शैलेंद्र ने बिलखते हुए बताया कि, "आज से ठीक दो साल पहले इसी तारीख को मेरी पहली बेटी दाल के गर्म पानी में झुलस गई थी और उसकी भी मौत हो गई थी। मैं समझ नहीं पा रहा कि मेरे साथ ऐसा क्यों हो रहा है। अब मेरी दोनों बेटियां इस दुनिया में नहीं हैं। मैं उन्हें नहीं बचा सका।"
इस दोहरी त्रासदी ने बच्ची की मां की मानसिक स्थिति को बुरी तरह प्रभावित किया है। वह किसी से बात नहीं कर पा रही और लगातार बेहोश हो जा रही है। शोक की इस घड़ी में परिवार के साथ पूरा गांव खड़ा है, लेकिन कोई भी शब्द उनके गहरे दुख को कम नहीं कर पा रहा। घर के बाहर लोगों की भीड़ लगी हुई है, हर कोई शैलेंद्र और उसकी पत्नी को ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहा है, मगर यह गम शब्दों से कहीं बड़ा है।
यह घटना न केवल एक परिवार की खुशियां लील गई, मासूम प्रिया की मौत ने पूरे जिले को शोक में डुबो दिया है।