

मथुरा में हो रही लगातार मूसलधार बारिश और यमुना नदी के बढ़ते जलस्तर ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। बलदेव क्षेत्र के नगला अकोस हगा गांव सहित पांच गांव बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं। जहां संपर्क मार्ग पूरी तरह कट चुके हैं और लोग घरों में कैद हो गए हैं। खेतों में पानी भर जाने से फसलें बर्बाद होने की कगार पर हैं। जिला प्रशासन ने हालात को देखते हुए राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिए हैं।
यमुना के कहर से हालात गंभीर
Mathura News: जनपद मथुरा में भारी बारिश और यमुना नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर ने हालात को गंभीर बना दिया है। बीते कई दिनों से हो रही मूसलधार बारिश के चलते जहां एक ओर खेतों में जलभराव की स्थिति बन गई है, वहीं दूसरी ओर निचले इलाकों में पानी भर जाने से कई गांव बाहरी दुनिया से कट चुके हैं।
इन गांव में तबाही का मंजर
बलदेव क्षेत्र का नगला अकोस हगा गांव इस प्राकृतिक आपदा से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। यमुना का पानी गांव में घुस चुका है, जिससे गांव का मुख्य संपर्क मार्ग पूरी तरह कट गया है। आसपास के पांच गांव नगला अकोस हगा, नगला फत्ते, नगला डडुआ, नगला ढंडी और रसीदपुर भी बाढ़ की चपेट में हैं। ग्रामीणों के अनुसार अब वे अपने घरों में ही कैद होकर रह गए हैं, क्योंकि बाहर निकलना जान जोखिम में डालने जैसा है।
किसानों की बढ़ी चिंता
भारी बारिश से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हो रहा है। खेतों में पानी भरने से धान, बाजरा और सब्जियों की फसलें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं। गांवों में जलनिकासी का कोई इंतजाम नहीं होने से पानी लगातार खेतों में भरता जा रहा है। किसान अपनी सालभर की मेहनत पर पानी फिरता देख रहे हैं और प्रशासन से मुआवजे की मांग कर रहे हैं।
अधिकारियों ने लिया जायजा
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी चंद्र प्रकाश सिंह स्वयं बलदेव क्षेत्र पहुंचे। उनके साथ एडीएम पंकज वर्मा, महावन एसडीएम कंचन गुप्ता, तहसीलदार अमित त्रिपाठी और अन्य संबंधित अधिकारी भी मौजूद थे। अधिकारियों की टीम ने गांवों का दौरा कर जलस्तर और कटान की स्थिति का निरीक्षण किया। साथ ही निचले इलाकों से पानी निकासी और बाढ़ से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की गई।
राहत और बचाव कार्य शुरू
जिलाधिकारी ने बाढ़ प्रभावित गांवों के लोगों को आश्वासन दिया कि प्रशासन पूरी तरह उनके साथ है। उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए नाव और स्टीमर की व्यवस्था की जा चुकी है ताकि जरूरत पड़ने पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके। इसके साथ ही प्रभावित ग्रामीणों को खाद्य सामग्री, पीने का पानी और जरूरी दवाइयां मुहैया कराई जा रही हैं। प्रशासन की ओर से बाढ़ राहत कैंप भी सक्रिय कर दिए गए हैं। जहां लोग अस्थाई रूप से रह सकते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि आपदा प्रबंधन टीमें क्षेत्र में तैनात हैं और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है। किसी भी ग्रामीण को अनदेखा नहीं किया जाएगा।