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बदायूं से समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव ने लोकसभा के शीतकालीन सत्र में नाभिकीय ऊर्जा के संधारणीय दोहन और अभिवर्धन विधेयक-2025 पर अपनी बात रखी। यह विधेयक परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी और देश की बढ़ती ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने से जुड़ा है।
सपा सांसद आदित्य यादव
Budaun: समाजवादी पार्टी के सांसद आदित्य यादव ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में “भारत के रूपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्धन विधेयक-2025” पर अपनी बात मजबूती से रखी। यह विधेयक देश के ऊर्जा क्षेत्र को सशक्त बनाने और भविष्य की बढ़ती ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्य से प्रस्तुत किया गया है। सांसद आदित्य यादव का यह हस्तक्षेप न केवल राष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण माना जा रहा है, बल्कि बदायूं संसदीय क्षेत्र के लिए भी इसे एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है।
जनहित से जुड़े मुद्दों की ओर आकर्षित
हालांकि सांसद के पूरे भाषण का वीडियो सार्वजनिक रूप से उपलब्ध नहीं है, लेकिन संसदीय कार्यवाही के दौरान उनके वक्तव्य को नाभिकीय ऊर्जा जैसे संवेदनशील और रणनीतिक विषय पर गंभीर और विचारपूर्ण बताया जा रहा है। माना जा रहा है कि उन्होंने विधेयक के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए सरकार का ध्यान सुरक्षा, पारदर्शिता और जनहित से जुड़े मुद्दों की ओर आकर्षित किया।
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जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना है
विधेयक के अनुसार, “भारत के रूपांतरण के लिए नाभिकीय ऊर्जा का संधारणीय दोहन और अभिवर्धन विधेयक-2025” का मुख्य उद्देश्य परमाणु ऊर्जा क्षेत्र में निजी भागीदारी को बढ़ावा देना है। इसके तहत सरकार का लक्ष्य नाभिकीय ऊर्जा उत्पादन को बढ़ाकर देश की बढ़ती बिजली मांग को पूरा करना और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करना है। यह विधेयक भारत को स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा की दिशा में आगे बढ़ाने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।
लापरवाही या जोखिम से बचा जा सके
लोकसभा में अपनी बात रखते हुए सांसद आदित्य यादव ने संभवतः यह रेखांकित किया कि नाभिकीय ऊर्जा भविष्य की ऊर्जा जरूरतों का एक महत्वपूर्ण विकल्प हो सकती है, लेकिन इसके साथ सुरक्षा मानकों, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय समुदायों के हितों की अनदेखी नहीं की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि निजी भागीदारी के साथ-साथ सरकार की जवाबदेही और नियामक ढांचे को मजबूत करना आवश्यक है, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही या जोखिम से बचा जा सके।
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तकनीकी उन्नति को भी गति मिल सकती है
सांसद आदित्य यादव का मानना है कि देश के विकास के लिए ऊर्जा आत्मनिर्भरता बेहद जरूरी है। नाभिकीय ऊर्जा के माध्यम से न केवल बिजली उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, बल्कि औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और तकनीकी उन्नति को भी गति मिल सकती है। हालांकि, उन्होंने यह भी जोर दिया कि इस क्षेत्र में किसी भी तरह के निर्णय से पहले व्यापक विमर्श और जनहित को सर्वोपरि रखा जाना चाहिए।
लोगों ने सांसद आदित्य यादव के इस कदम का स्वागत किया
बदायूं क्षेत्र के लोगों ने सांसद आदित्य यादव के इस कदम का स्वागत किया है। क्षेत्रवासियों का कहना है कि संसद में इस तरह के राष्ट्रीय महत्व के मुद्दों पर बदायूं की आवाज उठना गर्व की बात है। इससे यह संदेश जाता है कि सांसद न केवल अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सजग हैं, बल्कि देश के दीर्घकालिक विकास से जुड़े विषयों पर भी गंभीरता से अपनी भूमिका निभा रहे हैं।