Saharanpur News: नगर निगम टीम और ढाबा संचालक पर पक्षपात का आरोप; गरीब परिवार ने किया विरोध

महारानी होटल के सामने सड़क किनारे खाना बेचने वाले गरीब परिवार और ढाबा संचालक के बीच शुक्रवार को बड़ा विवाद हो गया। मामला उस समय बढ़ा जब नगर निगम की अतिक्रमण टीम मौके पर पहुंची और सड़क किनारे भट्टी पर रखे बर्तनों को हटवाया। आरोप है कि निगम कर्मियों ने केवल सड़क किनारे खड़े राशिद के खाने के बर्तनों को गिरवाया, जबकि पीछे बैठे ढाबा संचालकों के बाहर रखे बर्तनों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

Post Published By: Rohit Goyal
Updated : 20 September 2025, 1:00 AM IST
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Saharanpur: सहारनपुर घंटाघर स्थित महारानी होटल के सामने सड़क किनारे खाना बेचने वाले गरीब परिवार और ढाबा संचालक के बीच शुक्रवार को बड़ा विवाद हो गया। मामला उस समय बढ़ा जब नगर निगम की अतिक्रमण टीम मौके पर पहुंची और सड़क किनारे भट्टी पर रखे बर्तनों को हटवाया। आरोप है कि निगम कर्मियों ने केवल सड़क किनारे खड़े राशिद के खाने के बर्तनों को गिरवाया, जबकि पीछे बैठे ढाबा संचालकों के बाहर रखे बर्तनों पर कोई कार्रवाई नहीं की।

राशिद ने ढाबा संचालक फैसल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि निगम टीम ढाबा संचालक से मिली हुई है। उन्होंने बताया कि पिछले 50 वर्षों से उनका परिवार यहां खाना बेचकर गुजर-बसर कर रहा है और उनके पास नगर निगम की ओर से हर महीने की ₹400 से ₹500 तक की रसीदें भी हैं। बावजूद इसके निगम की कार्रवाई केवल उनके खिलाफ की गई, जबकि नाले के ऊपर अवैध तरीके से ढाबे व दुकानें बनाने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। राशिद का आरोप है कि फैसल लंबे समय से उनसे रंजिश रखता है और निगम से साठगांठ करके उनके ठीये को हटवाने की साजिश की गई।

परिवार ने आरोप लगाया कि निगम टीम की कार्रवाई से उनका खाना सड़क पर गिर गया और उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ा। परिजनों का कहना है कि हम गरीब लोग मेहनत करके सड़क किनारे रोजी-रोटी कमाते हैं, मगर नगर निगम हमेशा हमें ही परेशान करता है, जबकि असली बड़े अतिक्रमणकारियों पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती।

विवाद इतना बढ़ा कि हाथापाई की नौबत आ गई। सूचना पर पहुंची 112 पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को शांत कराया, लेकिन मामला फिर भी ठंडा नहीं पड़ा।

इस संबंध में नगर निगम के अतिक्रमण प्रभारी सुधीर शर्मा से जब संपर्क किया गया तो उन्होंने कहा कि फिलहाल उनके संज्ञान में मामला नहीं है। जो टीम वहां गई थी, उनकी रिपोर्ट आने के बाद ही जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

स्थानीय लोगों का कहना है कि नगर निगम को अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई निष्पक्ष तरीके से करनी चाहिए, ताकि गरीब परिवारों के साथ भेदभाव न हो और सभी पर समान रूप से नियम लागू हों।

वही नगर निगम के अतिक्रमण प्रभारी सुधीर शर्मा से मामले की जानकारी चाहिए तो उन्होंने बताया कि मामले का उन्हें संज्ञान नहीं है जो नगर निगम की टीम वहां गई थी उनके बारे में जानकारी कर जांच करने के बाद ही कुछ बता पाऊंगा, अब सवाल नगर निगम के उसे टीम पर भी उठना है कि जो बिना अपने उच्च अधिकारी को बताएं अतिक्रमण हटवाने पहुंची थी अगर ऐसे में कोई बड़ा विवाद हो जाता तो इसकी जिम्मेदारी नगर निगम के उच्च अधिकारियों की जवाब देही बनती है।

 

 

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