

रायबरेली नगर पालिका ने मेक इन इंडिया जेन रोबोटिक्स की अत्याधुनिक मशीन के जरिए मैनहोल सफाई की नई शुरुआत की है। यह तकनीक सफाई कर्मचारियों की जान को खतरे से बचाती है और सीवर सफाई में दक्षता लाती है।
मैनहोल की सफाई करने लगा रोबोट
Raebareli: देश की कई नगर पालिकाओं में सफाई कर्मचारी मैनहोल और सीवर लाइन की सफाई करते समय जहरीले गैसों और खतरनाक हालात का सामना करते हैं, जिससे उनकी जान को खतरा रहता है। ऐसे में रायबरेली नगर पालिका ने एक बड़ा कदम उठाते हुए अत्याधुनिक रोबोटिक मशीन का उपयोग शुरू किया है, जो मैनहोल सफाई को पूरी तरह से सुरक्षित और प्रभावी बनाता है। रायबरेली नगर पालिका ऐसा करने वाली प्रदेश की पहली नगर पालिका है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, रायबरेली नगर पालिका परिषद में कुल 34 वार्ड हैं, जिनमें लगभग ढाई से तीन लाख की आबादी रहती है। पुरानी और जर्जर 70 साल पुरानी सीवर लाइन की सफाई में कई समस्याएं आती थीं, खासकर बरसात के मौसम में, जब सीवर लाइन से गंदा पानी सड़कों पर भर जाता था। इससे मच्छर पैदा होते थे, जो संक्रामक रोगों का कारण बनते थे। इस पूरे सीवर नेटवर्क की देखभाल 37 सफाई कर्मियों के जिम्मे है, जो लगभग 200 किलोमीटर लंबे सीवर नेटवर्क का रखरखाव करते हैं।
मेक इन इंडिया रोबोटिक मशीन की ली मदद
इस समस्या का समाधान करते हुए रायबरेली नगर पालिका ने जेन रोबोटिक्स के तकनीकी इंजीनियर अनुज द्विवेदी की मदद से भारत में विकसित एक मेक इन इंडिया रोबोटिक मशीन अपनाई है। यह रोबोटिक सेवेंजर मैनहोल की सफाई के लिए दुनिया का पहला ऐसा उपकरण है, जिसे 2018 में केरल में लॉन्च किया गया था और राष्ट्रपति भवन में भी प्रदर्शित किया जा चुका है। यह मशीन देश के 19 राज्यों और 3 केंद्र शासित प्रदेशों में सफलतापूर्वक काम कर रही है।
दीवारों और किनारों पर लगे कचरों को भी करेगा साफ
यह मशीन 8 मीटर गहराई तक मैनहोल में जाकर कचरा निकाल सकती है। इसमें ऐसी तकनीक लगी है जो मैनहोल की दीवारों और किनारों पर जमे कचरे को भी साफ करती है। इस मशीन को ऑपरेट करने के लिए तीन लोग आवश्यक होते हैं, एक स्क्रीन के माध्यम से मशीन को नियंत्रित करता है, दूसरा ट्रॉली से कचरे को सुरक्षित स्थान पर ले जाता है और तीसरा वाहन द्वारा गीले और सूखे कचरे को उठाने में मदद करता है। मशीन 8 से 9 घंटे लगातार काम करने में सक्षम है।
मैनुअल स्कैवेंजिंग पूरी तरह प्रतिबंधित
नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी के अनुसार, 2013 के एक एक्ट के तहत मैनुअल स्कैवेंजिंग पूरी तरह प्रतिबंधित है क्योंकि यह सफाई कर्मचारियों के जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक है। इस मशीन के आने से यह जोखिम समाप्त हो गया है। पहले शहर में सुपर सैकर मशीन द्वारा मैनहोल की सफाई की जाती थी, लेकिन सीवर चेंबर की नियमित सफाई के लिए कोई प्रभावी और सुरक्षित व्यवस्था नहीं थी। इसके लिए अब 45 लाख रुपये की लागत से खरीदा गया जेन रोबोटिक मशीन पूरी तरह स्वचालित है और मैन्युअल सफाई के बिना कार्य करती है।
इस मशीन को फिलहाल बनाने वाली एजेंसी के तकनीशियनों द्वारा ऑपरेट किया जा रहा है, जो आने वाले छह महीने तक प्रशिक्षण देंगे। इसके बाद नगर पालिका के कर्मचारी स्वयं इस मशीन को संचालित करेंगे। इस प्रकार यह आधुनिक तकनीक सफाई कर्मचारियों की जान बचाने के साथ-साथ शहर की सफाई को भी बेहतर बनाएगी।